Waqf Amendment Bill 2024: ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड (AIMPLB) के प्रतिनिधिमंडल ने शनिवार को कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया से मुलाकात की और केंद्र सरकार की तरफ से प्रस्तावित वक्फ संशोधन अधिनियम का विरोध करने के लिए उनका आभार जताया. AIMPLB ने मुख्यमंत्री से गुजारिश की है कि कर्नाटक सरकार तेलंगाना की तर्ज पर इस विधेयक के खिलाफ प्रस्ताव पारित करे.


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देश के मुसलमानों के साथ धोका
AIMPLB के महासचिव मौलाना फजलुर रहीम ने कहा कि यदि केंद्र सरकार इस संशोधन के साथ कानून को पारित करती है, तो यह देश के मुसलमानों के साथ एक बड़ा धोखा होगा. उन्होंने साफ किया कि संशोधित कानून में जमीन के ताल्लुक से विवादों का फैसला कलेक्टर को देने से मुसलमानों को काफी नुकसान होगा, क्योंकि कलेक्टर अक्सर सरकार के पक्ष में फैसले लेते हैं. यह हालत वक्फ जायदातों के मालिकान और रखरखाव पर गलत असर डाल सकती है.


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इन पार्टियों को लाएंगे साथ
मौलाना रहीम ने बोर्ड में गैर-मुसलमानों को कयादत देने के प्रस्ताव को भी गैर कानूनी बताया. उनका कहना है कि इस प्रस्ताव से वक्फ की संवैधानिक स्थिति और मुसलमानों की मजहबी आजादी को खतरा हो सकता है. उन्होंने यह भी कहा कि बोर्ड को अपोजिशन पार्टियों का सपोर्ट मिल रहा है और वे जल्द ही तेलुगू देशम पार्टी (TDP) और जनता दल यूनाइटेड (DJU) के नेताओं से भी मुलाकात करेंगे. इस मुलाकात का मकसद विधेयक के खिलाफ एक मजबूत राजनीतिक गठबंधन बनाना है.


मुसलमानों की जायदाद का बचाव
इसके अलावा, मौलाना फजलुर रहीम ने वक्फ की जमीनों पर कब्जे की चिंता भी जताई. उन्होंने कहा कि बोर्ड को यह सुनिश्चित करने के लिए ठोस कदम उठाने चाहिए कि वक्फ की जमीन के साथ कोई धोखाधड़ी न हो. इस पर भी ध्यान देने की जरूरत है, ताकि मुसलमानों की मजहबी जायदादों का बचाव किया जा सके. 


वक्फ (संशोधन) विधेयक पर बहस
ख्याल रहे कि, शुक्रवार को वक्फ (संशोधन) विधेयक 2024 पर बात-चीत के लिए बनाई गई संयुक्त संसदीय समिति (JPC) की दूसरी बैठक में बिल को लेकर भाजपा और विपक्षी सांसदों के बीच जोरदार बहस हुई. अपोजिशन सांसद थोड़ी देर के लिए बैठक से वॉकआउट भी कर गये. विधेयक पर अपना पक्ष रखने के लिए बैठक में आमंत्रित मुस्लिम संगठनों ने बिल की मुखालफत की. JPC की अगली बैठक 5 और 6 सितंबर को होगी.