Kuwait fire Update: कुवैत के मंगाफ इलाके में दो दिन पहले एक इमारत में भीषण आग लगने से झारखंड के एक नौजवान मोहम्मद अली हुसैन की भी मौत हो गई है. 18 दिन पहले कुवैत गया था.  हुसैन के परिवारवालों ने सोचा भी नहीं था कि वे उन्हें आखिरी बार देख रहे हैं. 


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परिवार की मदद के लिए गया था कुवैत
रांची के हिंदपीढ़ी इलाके में रहने वाले हुसैन के घर पर उस समय मातम छा गया, जब उनके परिवारवालों को यह पता चला कि कुवैत की इमारत में आग लगने से उसकी मौत हो गई है. मोहम्मद अली हुसैन के पिता मुबारक हुसैन (57) ने बताया कि हुसैन (24) अपने तीन भाई-बहनों में सबसे छोटा था और वह अपने परिवार की मदद के लिए रांची से कुवैत गया था.


मां को बताने की नहीं हुई हिम्मत
मुबारक ने रोते हुए न्यूज एजेंसी 'पीटीआई-भाषा' को बताया, ''वह पहली बार मुल्क से बाहर गया था. उसने हमें बताया कि उसे वहां विक्रेता की नौकरी मिल गई है. हमने कभी नहीं सोचा था कि 18 दिनों के भीतर इतनी बड़ी घटना हो जाएगी.'' हुसैन के पिता ने बताया कि बेटे के एक सहकर्मी ने 13 जून को सुबह उसकी मौत की जानकारी दी थी, ‘‘लेकिन शाम तक मैं इतनी भी हिम्मत नहीं जुटा पाया कि अपनी बीवी को इस दुखद खबर के बारे में बता सकूं.’’ 


अचानक गया था कुवैत
रांची में वाहनों के टायरों का छोटा सा कारोबार चलाने वाले मुबारक ने कहा, ''मेरा बेटा स्नातक की डिग्री पूरी करने के बाद 'सर्टिफाइड मैनेजमेंट अकाउंटेंट (सीएमए) का कोर्स कर रहा था. एक दिन अचानक उसने कहा कि वह कुवैत जाएगा."


दम घुटने से ज्यादतर लोगों की हुई मौत
कुवैत के अधिकारियों के मुताबिक, दक्षिणी कुवैत के मंगाफ इलाके में सात मंजिला इमारत के रसोईघर में भीषण आग लगने से 49 विदेशी मजदूरों की मौत हुई थी, जिसमें 45 भारतीय मजदूर थे, जबकि 50 मजदूर जख्मी हुए थे. कुवैत के मीडिया ने बताया कि धुएं की वजह दम घुटने से ज्यादातर लोगों की मौत हुई थी.