Muslim in Modi Cabinet: NDA गठबंधन बहुमत के साथ सत्ता पर काबिज हुआ है. पीएम मोदी और उनकी कैबिनेट ने रविवार को अपने पद की शपथ ली. लेकिन कैबिनेट में एक भी मुस्लिम मंत्री नहीं है. इस पर कांग्रेस ने सवाल खड़े किए हैं. केरला प्रदेश कांग्रेस कमेटी प्रमुख के सुधाकरन ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली तीसरी सरकार में मुस्लिम प्रतिनिधित्व के अभाव की मंगलवार को आलोचना की और दावा किया कि यह "बेहद अलोकतांत्रिक" है.


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अलोकतांत्रिक
सीनियर कांग्रेस नेता ने एक बयान में कहा, "यह बेहद अलोकतांत्रिक है कि तीसरी मोदी सरकार के सत्ता में आने पर देश की मुस्लिम आबादी को पूरी तरह से बाहर रखा गया, जबकि भाजपा का एक भी सांसद उस (मुस्लिम) समुदाय से नहीं है." पीएम मोदी की आलोचना करते हुए केरल प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष ने कहा कि लोकतांत्रिक व्यवस्था में सभी के लिए प्रतिनिधित्व एक सामान्य बात है.


नफरती भाषण
लोकसभा चुनाव प्रचार के दौरान मोदी की विवादास्पद टिप्पणियों का जिक्र करते हुए कन्नूर से लोकसभा सदस्य ने इल्जाम लगाया कि वह नफरत भरे भाषण देकर सत्ता में आए हैं. सुधाकरन ने कहा कि आज देश में एक मजबूत विपक्ष है, सुधाकरन ने आगे कहा कि इंडिया फ्रंट और इसका नेतृत्व कर रही कांग्रेस सभी लोगों को एक साथ लेकर आगे बढ़ेगी.


कैबिनेट में थे मुस्लिम मंत्री
आपको बता दें कि इतिहास में यह पहली बार है जब केंद्रीय कैबिनेट में एक भी मुस्लिम मंत्री नहीं है. इससे पहले की सभी कैबिनेट में कम से कम एक मुस्लिम होता था. साल 2019 में नकवी ने मोदी कैबिनेट में मंत्री के तौर पर शपथ ली थी. 2014 में नजमा हेपतुल्ला ने मंत्री के बतौर शपथ ली थी. 2009 में पांच मुस्लिम मंत्रियों ने शपथ ली थी. इसके अलावा 2004 में भी 4 केंद्रीय कैबिनेट में 4 मुस्लिम मंत्री थे. 


भाजपा से नहीं जीता कोई उम्मीदवार
दरअसल इस बार भारतीय जनता पार्टी से एक भी मुस्लिम उम्मीदवार नहीं जीता है. हालांकि 24 सांसद लोकसभा पहुंचे हैं, लेकिन इनमें से 21 INDIA गठबंधन से हैं. एक AIMIM से असदुद्दीन ओवैसी हैं. अबदुल रशीद और मोहम्मद हनीफा आजाद उम्मीदवार के तौर पर चुने गए हैं. ये दोनों जम्मू व कश्मीर हैं.