मुख्तार अंसारी को इस कब्रिस्तान में किया जाएगा सुपुर्द-ए-खाक; 9 बजे होगा पोस्टमार्टम
Mukhtar Ansari News: पूर्व विधायक मुख्तार अंसारी की 28 मार्च की देर रात मौत हो गई. बांदा जेल में अचानक उनकी तबीयत बिड़गी थी, जिसके बाद उन्हें बांदा मेडिकल कॉलेज में इलाज के लिए ले जाया गया था. जहां इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई.
Mukhtar Ansari News: उत्तर प्रदेश के पूर्व विधायक मुख्तार अंसारी की 28 मार्च की देर रात मौत हो गई. बांदा जेल में अचानक उनकी तबीयत बिड़गी थी, जिसके बाद उन्हें बांदा मेडिकल कॉलेज में इलाज के लिए ले जाया गया था. जहां इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई. मौत की वजह हार्ट अटैक बताया गया है. उनकी मौत के बाद पूरे प्रदेश में धारा 144 लागू की गई है.
इस कब्रिस्तान में किया जाएगा सुपुर्द-ए-खाक
इस बीच बड़ी खबर सामने आई है. मुख्तार अंसारी को गाजीपुर के मोहम्मदाबाद के कालीबाद कब्रिस्तान में सुपुर्द-ए-खाक किया जाएगा. देर रात गाजीपुर के डीएम और एसपी ने कब्रिस्तान का निरीक्षण किया. जानकारी के मुताबिक, अंसारी की कब्र उनके वालिद सुभान उल्लाह अंसारी के बगल में खोदी जाएगी और परिवारवालों की मौजूदगी में सुपुर्द-ए-खाक किया जाएगा.
सुबह 9 बजे होगा पोस्टमॉर्टम
वहीं, मुख्तार अंसारी का पोस्टमॉर्टम आज सुबह 9 बजे किया जाएगा. इसमें 3 डॉक्टरो का पैनल शामिल होगा, जो मुख्तार अंसारी का पोस्टमार्टम करेगा. इनमें एक सर्जन, एक फिजिशियन और एक कार्डियोलॉजी पूर्व विधायक मुख्तार अंसारी का पोस्टमार्टम करेंगे. वहीं उनके बेटे उमर अंसारी बांदा मेडिकल कॉलेज पहुंच चुके हैं.
धीमा जहर देने का है इल्जाम
वाजेह हो कि दो दिन पहले ही पूर्व विधायक मुख्तार अंसारी ने इल्जाम लगाया था कि बांदा जेल में उन्हें धीमा जहर दिया जा रहा है, जिससे उनकी मौत हो सकती है. इसके अलावा मुख्तार अंसारी कई बार कोर्ट में भी अपने जान को खतरा बताकर अदालत से जेल में अतिरिक्त सुरक्षा की मांग की थी, जिसे न्यायालय ने ठुकरा दिया था. वहीं, मुख्तार अंसारी के बेटे उमर अंसारी ने भी बड़ा इल्जाम लगया है. उन्होंने कहा है कि उन्हें 19 मार्च को जहर दिया गया था.
कैसा रहा है उनका राजनीतिक सफर
पूर्व विधायक मुख्तार अंसारी ने बनारस हिंदू यूनिवर्सिर्टी से स्टूडेंट्स पॉलिटिक्स करने के बाद साल 1996 में राजनीति में कदम रख दिया था. पहली बार वह साल 1996 में मऊ से विधायक बने. इसी सीट पर 2002, 2007, 2012 और 2017 में विधायक चुने गए. दो बार BSP के टिकट पर, दो बाद निदर्लीय उम्मीदवार के तौर पर और एक बार खुद की पार्टी कौमी एकता दल के टिकट पर विधायक चुने गए थे.