Bahraich Violence: बहराइच हिंसा के मुल्जिम अब्दुल हमीद सहित 23 लोगों के यहां अवैध निर्माण पर पीडब्ल्यूडी विभाग की तरफ से नोटिस चस्पा कर दिए गए हैं. इसको लेकर मुस्लिम समाज के लोगों में आक्रोश है. मुस्लिम समाज के लोगों ने कहा है कि बहराइच में बदले की भावना से यह कार्रवाई की जा रही है. सुप्रीम कोर्ट की तरफ से बुलडोजर एक्शन पर रोक लगा दी गई है, लेकिन सरकार बदले की भावना के चलते एक बार फिर बुलडोजर से मकान को गिराने में जुटी हुई है. यह कार्रवाई मुसलमान के खिलाफ ही टारगेट करके की जाती है.


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युवाओं की प्रतिक्रिया
बहराइच में बुलडोजर की कार्रवाई के बारे में जोधपुर मुस्लिम समाज ने भी प्रतिक्रियाएं दी हैं. जोधपुर समाजसेवी नदीम इकबाल का कहना है कि निश्चित रूप से जिस तरह की बुलडोजर कार्रवाई की जा रही है, वह नहीं होनी चाहिए .जो दोषी हैं उसके खिलाफ निसंदेह कार्रवाई हो लेकिन इस पूरे मामले में निष्पक्षता बरती जाए. 


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जमात इस्लामी हिंद का बयान
जमात इस्लामी हिंद के मीडिया सेक्रेटरी मोहम्मद सलमान का कहना है कि जब सुप्रीम कोर्ट का एक आर्डर आ चुका है कि इस तरह बुलडोजर कार्रवाई नहीं होगी तो इसका मतलब साफ है कि सरकार हो, पुलिस प्रशासन हो, वह खुद कोर्ट के आर्डर को नहीं मान रहा है. दूसरी सबसे अहम बात मान भी लिया जाय अगर वह गैरकानूनी कंस्ट्रक्शन है, तो ऐसे दंगों और इस तरह के हालात के बाद ही सरकार या प्रशासन की आंख क्यों खुलती है. यह काम या तो पहले हो जाना चाहिए. इस तरह की कार्रवाई किसी भी तरह से सही नहीं कही जा सकती.


क्या है पूरा मामला?
दरअसल बहराइच में 13 अक्टूबर को दुर्गा पूजा विसर्जन के दौरान एक हिंदू शख्स मुस्लिम घर पर चढ़ गया. इसके बाद यहां से उसने हरा झंडा गिरा कर भगवा झंडा लगा दिया गया. इल्जाम है कि इसके बाद राम गोपाल नाम के शख्स पर फायरिंग हुई और उसकी मौत हो गई. इस मामले में मुल्जिमों की गिरफ्तारी हुई है. इस मामले में अब्दुल हमीद को अहम मुल्जिम बनाया गया है. अब्दुल हमीद समेत 23 मुल्जिम के घरों पर अवैध निर्माण का नोटिस चिपकाया गया. कयास लगाए जा रहे हैं कि उन घरों पर बुल्डोजर चलाया जाएगा.