Chandrayaan-3 Muslim Scientist; भारत ने चंद्रयान-3 कामयाबी के साथ चांद पर लैंड कराया है. भारत की इस कामयाबी पर उसे पूरी दुनिया मुबारकबाद दे रही है. लेकिन इस मिशन को कामयाब बनाने में भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) के वैज्ञानिकों का बड़ा हाथ है. इसमें कुछ मुस्लिम वैज्ञानिक भी हैं, जिन्होंने बहुत अच्छा काम किया है. आज हम इन्हीं के बारे में बात करेंगे. 


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सना फिरोज 
सना फिरोज का ताल्लुक उत्तर प्रदेश के गोरखपुर से है. उन्होंने मदन मोहन मालवीय प्रौद्योगिकी यूनिवर्सिटी से इलेक्ट्रॉनिक्स और संचार इंजीनियरिंग में टीटेक (2006-2010) किया. वह 2013 से इसरो में काम कर रही हैं.


यासर अम्मार
यासर अम्मार सना के शौहर हैं. इन्होंने भी मदन मोहन मालवीय प्रौद्योगिकी यूनिवर्सिटी से इलेक्ट्रॉनिक्स और संचार इंजीनियरिंग में बीटेक (2006-2010) किया. इनका ताल्लुक गोरखपुर से है. वह साल 2010 से इसरो के साथ काम कर रहे हैं.


मोहम्मद साबिर आलम
इन्होंने भारतीय अंतरिक्ष विज्ञान और प्रौद्योगिकी संस्थान, तिरुवनंतपुरम (केरल) से एरोनॉटिकल और एस्ट्रोनॉटिकल इंजीनिरिंग में बीटेक की डिग्री हासिल की. वह साल 2018 से इसरो के साथ काम कर रहे हैं.


अरीब अहमद
इनका ताल्लुक यूपी के मुजफ्फरनगर से है. इन्होंने जामिया मिल्लिया इस्लामिया दिल्ली से मैकेनिकल इंजीनियरिंग में बीटेक (2015-2019) किया है. हाल ही में वह इसरो जुड़े हैं.


अख्तर अब्बास
इनका ताल्लुक उत्तर प्रदेश के गोंडा जिले से है. इन्होंने अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी से बीटेक (2006-2010) किया. मोतीलाल नेहरू राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान, इलाहाबाद से एमटेक किया. वह साल 2015 से इसरो के साथ जुड़े हैं.


इशरत जमाल
इन्होंने अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी से बीटेक किया. इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग में बीटेक किया. इसके अलावा आईआईटी कानपुर से पावर एंड कंट्रोल में एमटेक किया है. वह साल 2022 से इसरो के साथ जुड़े हुए हैं.


खुशबू मिर्जा
इन्होंने अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी से इलेक्ट्रॉनिक्स इंजीनियरिंग में बीटेक किया. वह दिल्ली के पास ग्रेटर नोएडा में इसरो सेंटर में काम करती है. 


मोहम्मद काशिफ
काशिफ ने जामिया मिल्लिया इस्लामिया से मैकेनिकल इंजीनियरिंग में बीटेक किया है. वह दिसंबर 2021 से इसरों में काम कर रहे हैं.