Uttar Pradesh News/अभिषेक माथुर: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कई जगहों पर गुरुकुल की शुरुआत करने की बात कही है. योगी आदित्यनाथ के इस फैसले पर अलीगढ़ के मौलानाओं ने खुशी जाहिर की है. उनका कहना है कि हिंदुओं की धार्मिक शिक्षा के लिए गुरुकुल की शुरुआत हो रही है, तो वहीं मुसलमानो की धार्मिक तालीम को भी नहीं रोका जाना चाहिए. उत्तर प्रदेश में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की तरफ से भेदभाव नहीं किया जाना चाहिए, क्योंकि एक तरफ जहां मदरसे बंद किया जा रहे हैं, तो वहीं दूसरी तरफ गुरुकुल की शुरुआत की जा रही है.


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क्या बोले मौलाना?
अलीगढ़ से ताल्लुक रखने वाले एक शख्स ने कहा कि "CM योगी जी कुरूकुल की शुरूआत करने जा रहे हैं. यह बहुत अच्छी बात है. यह वह तालीम है, जो एक जमाने से हिंदुस्तान में चलती हुई आ रही है. अगर योगी जी इसकी शुरूआत करते हैं, तो नफरत खत्म हो जाएगी." उन्होंने आगे कहा कि जिस तरह से आप गुरुकुल खोलकर उसमें हिंदुओं को कई सहूलत देने जा रहे हैं. उसी तरह से मदरसों को और मुसलमानों को भी बढ़ावा दें, ताकि राज्य में हिंदू मुस्लिम भाईचारा बन सके. राज्य तरक्की कर सके.


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सिखाई जाती है अच्छी बात
एक दूसरे मुस्लिम शख्स ने कहा कि गुरुकुल की शुरूआत हो रही है ये अच्छी बात है. इसमें कोई भी गलत बात नहीं सिखाई जाती, लेकिन मदरसों की तरफ भी थोड़ी तवज्जों दी जानी चाहिए. 


उत्तर प्रदेश में फिर से शुरू होंगे गुरकुल
ख्याल रहे कि उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बीते रोज कहा कि "हम संस्कृति के संरक्षण और संवर्धन के लिए नई कोशिशों की दिशा में काम कर रहे हैं. इसके तहत प्रदेश भर में गुरुकुल पद्धति के विद्यालयों को फिर शुरू करने की तैयारी है." मुख्यमंत्री ने कहा कि "मुफ्त खाना और रहने की सहूलत देने वाले मठ-मंदिर और आश्रमों को अनुदान दिया जाएगा. शोध करने वाले छात्रों को तीन साल तक छात्रवृ्त्ति दी जाएगी."