नगरपालिका परिषद (NDMC) ने  सुनहरी मस्जिद को गिराए जाने को लेकर जनता से राय मांगी थी. NDMC की सूचना में जनता से 1 जनवरी तक इस पर प्रतिक्रिया और सुझाव मागें गए हैं. इसी कवायद में अब तक 2,000 से अधिक टिप्पणियां और सुझाव प्राप्त हुए हैं. NDMC के सूत्रों ने बताया कि,  "हमें ई-मेल पर 2,000 से ज्यादा सुझाव मिले हैं. ये सुझाव मुस्लिम संगठनों और अल्पसंख्यक कल्याण निकायों से आएं हुए हैं." 


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जाम की वजह से मस्जिद गिराने की कवायद 
NDMC के बजट की घोषणा के लिए आयोजित प्रेस सम्मेलन में NDMC अध्यक्ष अमित यादव से मस्जिद को गिराए जाने के बारे में सवाल किया गया तो उन्होंने कहा, ‘‘हमने सुनहरी मस्जिद पर लोगों से राय मांगी है. हमें इलाके के आसपास ट्रैफिक जाम की शिकायत को लेकर दिल्ली ट्रैफिक पुलिस की तरफ से एक गुजारिश आई थी. जिसको लेकर हमने प्रक्रिया शुरू कर दी है और अलग-अलग हितधारकों की टिप्पणियां मांगी हैं. हमने धार्मिक कमेटी से भी संपर्क किया है लेकिन दिल्ली वक्फ बोर्ड ने इस मामले पर कोर्ट का  दरवाज़ा खटखाटाया था.’’ कोर्ट ने मामले का निपटारा कर दिया था. अमित यादव ने आगे कहा, ‘‘हमने इस मामले पर लोगों से राय मांगी है और उचित प्रक्रिया का पालन कर रहे हैं. जनता के सुझावों को देखा जाएगा और विरासत कमेटी भी इस पर विचार करेगी. 



ग्रह मंत्री और प्रधानमंत्री को लिखा पत्र 
जमीअत उलमा-ए-हिंद (JIH) ने NDMC के राय लेने वाले फैसले पर कड़ा विरोध ज़ाहिर किया था. जमीअत चीफ ने राजपथ में मौजूद सुनहरी बाग मस्जिद को गिराने की संभावना को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और ग्रह मंत्री अमित शाह को पत्र लिखा है. जिसमें मदनी ने कहा कि, हम ये मानते कि ऐसी कार्रवाई हमारी साझी विरासत को गहरी चोट पहुंचाएगी. ये मस्जिद देश के प्रमुख जगह पर 200 सालों से मौजूद है जो हमारी तहज़ीब और विरासत की गवाह है.