Gyanvapi Case: उत्तर प्रदेश के वाराणसी में मौजूद ज्ञानवापी मस्जिद का मामला कई सलों विवादों में है. ज्ञानवापी मामले में महीनों बाद वाराणसी के जिला अदालत में शनिवार को फिर से सुनवाई हुई. मामले की अगली सुनवाई 3 अगस्त को होगी. भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) की सर्वे रिपोर्ट के बाद वाराणसी जिला अदालत में सुनवाई हुई. मुस्लिम पक्ष ने सर्वे रिपोर्ट को लेकर एतराज जताया है. तहखाना-छत की मरम्मत और ज्ञानवापी से जुड़े आठ मुकदमों में अब 3 अगस्त को सुनवाई होगी. कोर्ट की सुनवाई के बाद हिंदू पक्ष के वकील मदन मोहन ने मीडिया से बातचीत की. 


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

क्या बोले वकील
वकील मदन मोहन ने कहा कि कोर्ट में खास तौर से तीन मुद्दों पर बात हुई. पहला मामला था कि ज्ञानवापी से क्लब किए गए आठ मुकदमों पर एतराज किया गया कि कि उन्हें फिर से लोअर कोर्ट में भेजा जाए, लेकिन जनपद न्यायाधीश को हक है कि अगर एक जैसा ही मुकदमा है, तो उन्हें उन्ही की कोर्ट में सुना जाए. उन्होंने कहा कि दूसरा मालमा यह था कि सोमनाथ व्यास जी के तहखाने में इस साल 31 जनवरी से पूजा जारी है. मुस्लिम पक्ष तहखाने के ऊपर जाकर धमाल मचाता है. ऐसे में जर्जर तहखाना की मरम्मत के लिए कोर्ट से हिदायत देने की मांग की गई. उन्होंने कहा कि तीसरा मामला यह था कि 12 में से सिर्फ चार तहखाने का ही ASI सर्वे हुआ है, आठ का सर्वे होना बाकी है, उनका भी सर्वे कराया जाए और कोर्ट को रिपोर्ट सौंपी जाए.


मरम्मत पर जोर
ज्ञानवापी तहखाना की मरम्मत और बंद तहखानों के सर्वे को लेकर याचिकाकर्ता राखी सिंह की तरफ से कोर्ट में अपील की गई है. इस पर सुनवाई होगी. इस याचिका के बाद काशी विश्वनाथ मंदिर न्यास की तरफ से भी व्यास जी के तहखाना की जर्जर हालत को देखते हुए पुजारियों की सुरक्षा के लिए यहां फौरन मरम्मत कराये जाने की मांग की गई थी. इस पर भी आगे बहस होगी.


मुस्लिमों को जाने से रोक
मंदिर के खास कार्यपालक अधिकारी की तरफ से कोर्ट से गुजारिश की गई थी कि, अंदर मौजूद पुजारी की सुरक्षा के लिए यहां के खंभे और छत की मरम्मत करना बहुत जरूरी है, ताकि कोई दुर्घटना या अनहोनी ना हो सके. जिला जज न्यायालय में राखी सिंह की याचिका में छत की जर्जर स्थिति को देखते हुए मुस्लिम समुदाय के लोगों को तत्काल छत पर जाने से रोकने की भी मांग की गई है.