सहारनपुर: राज्यसभा के पूर्व सांसद मोहम्मद अदीब के बयान पर सियासी घमासान मच गया है. जहाँ सत्ता पक्ष उनके बयान पर हमलावर हैं, वहीँ विपक्षी दलों के नेता और आम मुसलमान भी उनके बयानों से इत्तेफाक नहीं रखते हैं और वो पूर्व सांसद मोहम्मद अदीब के बयान को लेकर उनकी मजम्मत कर रहे हैं. मोहम्मद अदीब ने एक आवामी इजलास को खिताब करते हुए कहा था कि मुसलमानों का एहसान है कि पाकिस्तान का बॉर्डर लाहौर तक की रह गया, नहीं तो ये लखनऊ तक होता. पूर्व सांसद के इस बयान पर कारी अबरार जमाल, जमीअत हिमयतुल इस्लाम के सदर ने कहा उनकी तीखी आलोचना की है. 


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पकिस्तान लाहौर तक ही है, लखनऊ तक नहीं है
कारी अबरार जमाल ने कहा कि मैं सांसद के इस बयान की मजम्मत और मुखालफत करता हूँ. वतन से मोहब्बत करना किसी भी मुसलमान के ईमान का हिस्सा है. जो इंसान अपनी जान से ज्यादा वतन से मोहब्बत नहीं करता है, उसे इंसान को अपने मुल्क में रहने का कोई हक़ नहीं है. अगर उन्हें पाकिस्तान से मोहब्बत है तो वह पाकिस्तान चले जाएं. वो उस पाकिस्तान में चले जाएं जो इस्लाम के नाम पर जिंदा तो है, लेकिन जितना नुकसान इस्लाम को पाकिस्तान से पहुंचा है, इतना किसी और  मुल्क से नहीं पहुंचा है. हर वक्त वहां की मस्जिदों, दरगाहों और मंदिरों में ब्लास्ट होते हैं. मोहम्मद अदीब ऐसा कैसे कह सकते हैं कि एहसान मानिए कि पकिस्तान लाहौर तक ही है लखनऊ तक नहीं है.


अखिलेश की सरकार में मुसलमानों का खून बहा है
कारी अबरार जमाल ने कहा कि हम कहते हैं कि एहसान मानिए हमारा वरना, हम चाहे तो आज भी लाहौर में हिंदुस्तान का झंडा हम गाड़ देंगे. हम अखंड भारत को मानने वाले हैं. हमारा यकीन है एक दिन इतिहास से पाकिस्तान का नाम-ओ- निशान मिट जाएगा, और पाकिस्तान पर भारत का तिरंगा लहराएगा. ये काम भारत के लिए इतना ही मुश्किल है, जितना कश्मीर में से धारा- 370 का हटाया जाना.  अबरार जमाल ने कहा की जिस तरह से मौजूदा सरकार काम कर रही है, इस सरकार के लिए ये काम भी इतना मुश्किल नहीं है.  जितने कठोर फैसले  इस सरकार ने लिए हैं, इतिहास में इस तरह के फैसले किसी दूसरी सरकार ने नहीं लिए है. अदीब साहब को यह भूलना नहीं चाहिए कि आज हमारी सरकार 2047 तक भारत को विकसित भारत बनाने का सपना देख रही है. आज वह सरकार है जिस सरकार में जिसका तिरंगा चांद तक पहुंच गया है. अगर भारत का तिरंगा चांद तक पहुंच गया है, तो लाहौर की दूरी तो उससे भी कम है. उन्होंने ओबीसी के बयान पर कहा है कि अखिलेश की सरकार में मुसलमानों का खून बहा है. अगर अखिलेश चाहते तो उत्तर प्रदेश की हालत वेसी नहीं होती, 2013 के दंगे भी नहीं होते.