Dawoodi Bohras Mosque: महाराष्ट्र के मुंबई में दाऊदी बोहरा कम्युनिटी की बेहतरीन मस्जिद बनकर तैयार हो गई है. एक अफसर ने दावा किया कि यह मस्जिद शहर में सबसे बड़ी है और देश में सबसे बड़ी मस्जिदों में से एक है. इस मशहूर मस्जिद का नाम 'सैफ़ी मस्जिद' है. इसे पहली बार साल 1923 में बनवाया गया था. एक सदी तक प्रार्थना करने के बाद इसे साल 2023 में दोबारा ठीक कराया गया है. यह मस्जिद दक्षिण मुंबई के भिंडी बाज़ार इलाके में मौजूद है.


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

दोबारा बनाई गई मस्जिद


कम्युनिटी के आध्यात्मिक प्रमुख सैयदना मुफद्दल सैफुद्दीन ने बड़ी तादाद में दाऊदी बोहराओं की मौजूदगी में एक प्रोग्राम में सोमवार रात सैफी मस्जिद का उद्घाटन किया. यह वही जगह है जहां मस्जिद का उद्घाटन पहली बार 1926 में मरहूम सैयदना ताहेर सैफुद्दीन (51वें सैयदना) ने किया था. यहां उनके बेटे मरहूम सैयदना मोहम्मद बुरहानुद्दीन (52वें सैयदना) ने जनवरी में अपने इंतेकाल तक प्रार्थना सभाओं की कयादत की थी.


सैयदना टीम का बयान


सैयदना टीम के अफसर ने कहा कि “पुरानी सैफी मस्जिद इमारत की तामीर 1923-1926 के बीच की गई थी, लेकिन इसकी जरूरत खत्म हो गई थी. लगभग एक सदी तक कम्युनिटी की सेवा करने के बाद यह जीर्ण-शीर्ण हो गई थी. इसे 2018 में ध्वस्त कर दिया गया था और पिछले पांच सालों में कुछ जदीद नवाचारों के साथ पिछली मस्जिद की एक और नकल बनाई गई.


मस्जिद में जगह


नई मस्जिद 34.5 मीटर लंबी, 26.7 मीटर चौड़ी और 15.1 मीटर ऊंची है, और इसमें भूतल और दो मंजिलों पर 5,000 कम्युनिटी के मेंबर रह सकते हैं, ऊपरी मंजिलें औरतों के लिए रिजर्व हैं. बाहरी परिसर 15,000 से ज्यादा लोगों को समायोजित कर सकता है, जिससे यह रमज़ान, ईद-उल-फितर, ईद मिलाद-उन-नबी, मुहर्रम सभाओं और साल भर दूसरे खास प्रोग्रामों जैसे बड़े समारोहों के लिए एक आसान जगह बन गई है. 


नई डिजाईन


दोबारा बनाई गई सैफी मस्जिद दीगर वास्तुशिल्प शैलियों जैसे भारतीय, इस्लामी और शास्त्रीय वास्तुकला के तत्वों को एक साथ मिलाकर बनाई गई है. बेहतरीन कलाकारी के साथ दो ऊंची मीनारें मस्जिद के दो कोनों से ऊपर उठती हैं.