Asaduddin Owaisi on CAA Imposed: केंद्र सरकार ने नागरिकता संशोधन कानून का नोटिफिकेशन जारी कर दिया है. जिसके बाद सीएए कानून देश भर में लागू हो गया है. इस बीच AIMIM चीफ और हैदराबाद से लोकसभा सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने केंद्र सरकार पर हमला बोला है. उन्होंने कहा कि आप क्रोनोलॉजी समझिए, पहले इलेक्शन का मौसम आएगा, फिर सीएए के नियम आएंगे. 


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मुसलमानों को दोयम दर्जे का नागरिक बनाना चाहती है बीजेपी
उन्होंने आगे कहा कि नागरिक संशोधन कानून पर हमारी आपत्तियां जस की तस हैं. सीएए विभाजनकारी है और गोडसे की सोच पर आधारित है, जो मुसलमानों को दोयम दर्जे का नागरिक बनाना चाहता था.


मैं सीएए के खिलाफ नहीं हूं, लेकिन....
इसके साथ ही ओवैसी ने कहा कि सताए गए किसी भी व्यक्ति को शरण दें, लेकिन नागरिकता धर्म या राष्ट्रीयता पर आधारित नहीं होनी चाहिए. सरकार को बताना चाहिए कि उसने इन नियमों को पांच साल तक क्यों लंबित रखा और अब इसे क्यों लागू कर रही है. एनपीआर-एनआरसी के साथ, सीएए का उद्देश्य केवल मुसलमानों को लक्षित करना है, इसका कोई दूसरे उद्देश्य नहीं है.



लोगों को सड़कों पर उतरना होगा
लोकसभा सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने कहा कि सीएए एनपीआर और एनआरसी का विरोध करने के लिए सड़कों पर उतरे भारतीयों के पास फिर से इसका विरोध करने के अलावा कोई विकल्प नहीं होगा.


2019 में किया गया था संशोधन
साल 2019 में मोदी सरकार रिपीट होने के बाद केंद्र सरकार ने सीएए में सेशोधन किया था. इसमें पाकिस्तान, अफगानिस्तान और बांग्लादेश से 31 दिसंबर 2014 से पहले आने वाले छह अल्पसंख्यकों (हिंदू, जैन, बौद्ध, ईसाई, सिख और पारसी) को भारत की नागरिकता देने का प्रावधान किया गया था. इसमें नागरिकता देने का अधिकार सिर्फ भारत सरकार के हाथों में होगा.