Muharram Julus: बिहार के नवादा जिले में एक जुलूस के दौरान कथित तौर पर फिलिस्तीनी झंडा लहराने पर पुलिस ने तीन लोगों को गिरफ्तार किया है. एक अधिकारी ने सोमवार को यह जानकारी दी. पकरीबरांवा के अनुमंडल पुलिस अधिकारी (SDPO) महेश चौधरी ने बताया कि पुलिस ने इस मामले का वीडियो सामने आने के बाद जांच शुरू की है. उन्होंने कहा कि "वीडियो में कुछ लोगों को धमौला इलाके में मुहर्रम से पहले एक जुलूस के दौरान रविवार को फिलिस्तीनी झंडा लहराते हुए दिखाया गया है." 


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लहरा दिया झंडा
उन्होंने कहा कि स्थानीय पुलिस की तरफ से की गई जांच के आधार पर तीन लोगों को जुलूस के दौरान फिलिस्तीनी झंडा लहराने के इल्जाम में गिरफ्तार किया गया है. उन्होंने कहा कि संबंधित अधिकारियों से इजाजत लिए बगैर जुलूस निकाला गया. चौधरी ने कहा कि फिलिस्तीनी झंडे को तुरंत जब्त कर लिया गया. इसके पहले, बिहार पुलिस ने 13 जुलाई को राज्य के दरभंगा जिले में मुहर्रम से पहले एक जुलूस में फलस्तीनी ध्वज लहराने के इल्जाम में दो लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया था.


मधुबनी और समस्तीपुर में मामले
इसी तरह का एक मामला मधुबनी में भी पेश आया है. यहां भी कुछ लोगों ने मोहर्म के जुलूस में फिलिस्तीन का झंडा लहरा दिया. यहां पुलिस ने नामालूम लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया है. वहीं बिहार के समस्तीपुर के दलसिंहसराय थाना क्षेत्र के सरदारगंज चौक के पास में मोहर्रम के जुलूस के दौरान कुछ लोगों ने एक कार का शीशा तोड़ दिया. इस मामले में दो गिरफ्तारियां हुई हैं.


क्या है मोहर्रम?
आपको बता दें कि मोहर्रम इस्लामी कैलेंडर का पहला महीना है. इस महीने में प्रोफेट मोहम्मद स0 के नवासे हजरत इमाम हुसैन की करबला में शहादत हुई थी. मोहर्रम की दसवीं तारीख को हर जगह मुस्लिम जुलूस निकालते हैं और हजरत इमाम हुसैन का गम मनाते हैं.


फिलिस्तीनी झंडा
यह गौरतलब है कि हमास के लड़ाकों ने पिछले साल 7 अक्टूबर को इजरायल पर हमला किया था जिसमें 1200 लोग मारे गए थे. इसके जवाब में इजरायल पिछले साल 7 अक्टूबर से फिलिस्तीन के इलाके गाजा पर हमले कर रहा है. इन हमलों अब तक 38 हजार से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी हैं. दुनियाभर में कई लोग फिलिस्तीन के सपोर्ट में गाहे बगाहे झंडे लहरा देते हैं.