Uniform Civil Code: मस्जिद में QR कोड लगाकर की गई UCC की मुखालफत. जमीयत उलेमा ए हिंद ने बनाना यौम ए दुआ.जब से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने समान नागरिक संहिता (Uniform Civil Code) की वकालत की है तब से ही इस पर बवाल मचा हुआ है. कुछ राजनीतिक दल इसके बचाव में हैं तो कुछ इसके खिलाफ है. मुसलमानों के संगठन ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड UCC लागू किए जाने की जमकर मुखालफत कर रही है. इसी के तहत बरेसी की मस्जिद में बारकोड लगाकर इसकी मुखालफत की जा रही है जिस पर हंगामा हो गया है. 


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मस्जिदों के बाहर QR कोड


मस्जिदों में यह बार कोड जमीअतल उलेमा ए हिंद के लोगों ने लगाया है. इस बार कोड के तहत तमाम नमाजियों ने अपने मोबाईस ले UCC के खिलाफ अपना ऐतराज जताया है. जमीयत उलेमा ए हिंद और मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड का कहना है कि UCC शरीयत के खिलाफ है इसलिए वह इसका विरोध कर रहे हैं. वहीं मस्जिद में QR कोड चिपकाए जाने से मकामी लोगों ने ऐतराज जताया है.


मुस्लिम नेता UCC के खिलाफ


IMC के प्रमुख मौलाना तौकीर रजा ने UCC पर विरध जताया है. उनका कहना है कि "ड्राफ्ट (UCC) आने के बाद आगे की रणनीति बनाएंगे. UCC से केवल मुसलमान ही नहीं, 220 जनजातियां भी प्रभावित हो रही हैं. यह कानून नहीं आ सकता."


AIMIM के प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी भी UCC के खिलाफ हैं. उनका कहना है कि "ये जो SHARIA ACT है. ये आपको इजाजत देता है कि आप अपनी जिंदगी कुरान के मुताबिक गुजारें. जब संविधान बन रहा था तो इस एक्ट को नहीं हटाया गया. जो बात अंबेडकर और कानून बनाने वालों ने नहीं सोची, वो अब भाजपा सोच रही है. सरकार को पता होना चाहिए कि इंग्लैंड में दो पर्सनल लॉ  हैं. पड़ोस में श्रीलंका है, वहां पर प्रर्सनल लॉ है. इजराइल और सिंगापुर में भी पर्सनल लॉ है."


जमीयत उलेमा ए हिंद ने जताया विरोध


जमीयत उलेमा ए हिंद ने शुक्रवार से पहले ऐलान किया था कि वह समान नागरिक संहिता के खिलाफ इस दिन यौम ए दुआ मनाएगा. टीवी9 ने बरेली में एक नमाजी के हवाले से लिखा है कि "UCC शरीयत के खिलाफ है. हम इसे बर्दाश्त नहीं करेंगे. क्योंकि आजादी से पहले ही मुसलमानों को कुछ नियम कानून मिले हुए हैं. मुसलमान उन्हीं नियमों का पालन करते हैं."


ख्याल रहे कि विधि आयोग ने हाल ही में लोगों से UCC लागू किए जाने को लेकर लोगों से उनकी राय पूछी थी.