Quran Burning: स्वीडन के तीसरे सबसे बड़े शहर में कुरआन जलाए जाने के बाद हिंसक झड़प हुई है. इस्लाम की मुखालिफत करने वाला सलवान मोमिका के जरिए कुरआन  की एक प्रति जलाए जाने के बाद झड़प शुरू हुई. पुलिस ने सोमवार को कहा कि स्वीडन के तीसरे सबसे बड़े शहर में एक मुस्लिम विरोधी प्रदर्शनकारी के जरिए कुरआन  में आग लगाने के बाद पड़ोस में झड़पें शुरू हो गईं. पुलिस ने कहा कि उन पर पथराव किया गया और दर्जनों कारों में आग लगा दी गई. इस मामले में पुलिस ने कई लोगों को हिरासत में लिया है. 


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सोमवार तड़के गुस्साई भीड़ ने टायरों और मलबे में आग लगा दी और कुछ को माल्मो के रोसेनगार्ड पड़ोस में इलेक्ट्रिक स्कूटर, और साइकिल को फेंकते देखा गया है. वरिष्ठ पुलिस अधिकारी पेट्रा स्टेनकुला ने कहा, "मैं समझता हूं कि इस तरह की घटना हिंसक भावनाएं पैदा करती है, लेकिन हिंसक अभिव्यक्तियों को बर्दाश्त नहीं किया जा सकता है."


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पिछले महीनों में सलमान मोमिका ने स्टॉकहोम में इस्लाम विरोधी विरोध प्रदर्शनों में कुरआन की बेअदबी की थी. इसके बाद कई मुस्लिम मुल्कों ने इस घटना की कड़ी निंदा की थी. स्वीडिश पुलिस ने अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का हवाला देते हुए कुरान जलाने की अनुमति दी थी. कुरआन जलाने की घटना से मुस्लिम मुल्कों में गुस्सा भड़क गया था.


इसके बाद से ही स्वीडिश राजनयिक मिशनों पर हमले हो रहे हैं, और इस्लामी चरमपंथियों से धमकियां मिल रही हैं. स्वीडन में मुस्लिम नेताओं ने सरकार से कुरआन जलाने को रोकने के लिए अपील की है. स्वीडन ने 1970 के दशक में अपना आखिरी ईशनिंदा कानून हटा दिया था और सरकार ने कहा है कि ईशनिंदा कानून दोबारा लागू करने का कोई इरादा नहीं है.


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