Rajsthan News: द हिंदू की खबर के मुताबिक, उदयपुर नगर निगम ने शनिवार को अपने हिंदू सहपाठी को चाकू मारने के मुल्जिम 15 साल के मुस्लिम लड़के के किराए के घर को इस आधार पर गिरा दिया कि यह घर वन विभाग की ज़मीन पर गैर कानूनी तौर से बनाया गया था. उदयपुर के महानिरीक्षक अजय लांबा ने द इंडियन एक्सप्रेस को बताया, "मालिक स्वामित्व का कोई भी दस्तावेज़ नहीं दिखा पाया, जिसके बाद घर को गिरा दिया गया."


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

हिरासत में लिया गया 
लांबा ने कहा कि नाबालिग और उसके पिता को हिरासत में लिया गया है और किशोर न्याय अधिनियम के मुताबिक आगे की कार्रवाई की जाएगी. यह साफ नहीं है कि माता-पिता के खिलाफ़ कौन से इल्जाम लगाए गए हैं. 



आरोपी का नहीं था घर
पता चला है कि जिस घर को नगर निगम ने गिराया है वह आरोपी का नहीं था बल्कि वह किसी और का है. आरोपी छात्र किराए पर उस मकान में रह रहा था. मकान मालिक राशिद खान के मुताबिक घर में रहने वाले चार दूसरे परिवारों को भी घर खाली करने के लिए कहा गया था. शनिवार की सुबह नाबालिग के परिवार को घर खाली करने का नोटिस भेजा गया और घर को दोपहर तक गिरा दिया गया, जबकि उन्हें घर खाली करने के लिए तीन दिन का वक्त दिया गया था. 


यह भी पढ़ें: उदयपुर के स्कूल में चाकूबाजी के बाद भड़की हिंसा, मॉल में तोड़फोड़, धारा 144 लागू


भड़की थी हिंसा
उदयपुर कलेक्टर अरविंद पोसवाल ने द हिंदू से बताया कि मुस्लिम लड़के के सहपाठी, जिसे कथित तौर पर चाकू मारा गया था, की हालत स्थिर है. पीटीआई की रिपोर्ट के अनुसार, इस मामले के बाद शुक्रवार को उदयपुर के कुछ हिस्सों में सांप्रदायिक हिंसा भड़क गई. शहर के मधुबन इलाके में एकत्र हुए हिंदू दक्षिणपंथी समूहों के सदस्यों ने कम से कम तीन कारों में आग लगा दी और पत्थरबाजी की. हिंसा के कारण जिला प्रशासन ने निषेधाज्ञा जारी की और उदयपुर के कुछ हिस्सों में 24 घंटे के लिए इंटरनेट सेवाएं निलंबित कर दीं. 



इंसाफ की मांग
पीपुल्स यूनियन फॉर सिविल लिबर्टीज ने मुस्लिम लड़के के परिवार को निशाना बनाकर किए गए "बुलडोजर न्याय" पर आपत्ति जताई. समूह की अध्यक्ष कविता श्रीवास्तव ने कहा, "इलाके में 200 से ज्यादा घर बने हुए हैं, लेकिन कानून के साथ संघर्षरत किशोर के परिवार को ही अधिकारियों ने निशाना बनाया.


मुआवजे की मांग
मानवाधिकार समूह ने इस मामले में राजस्थान उच्च न्यायालय से हस्तक्षेप की मांग की और कहा कि बेदखल परिवार को आश्रय प्रदान किया जाए तथा उनके घर को तोड़े जाने के एवज में मुआवजा दिया जाए.