Rajasthan: सरकारी स्कूल की प्रार्थना सभा में इकबाल की नज़्म पर बवाल; स्कूल बना अखाड़ा
Ruckus over Iqbal poetry in prayer meeting of govt school in Rajsthan: यह मामला राजस्थान के सीकर जिले के एक सरकारी स्कूल का है, जहां प्रार्थना सभा के दौरान उर्दू के महान शायर मोहम्मद अल्लामा इकबाल की नजम पढ़ाने का आरोप लगाकर हिंदूवादी संगठनों ने स्कूल में विरोध-प्रदर्शन और नारेबाजी की.
सीकरः राजस्थान के सीकर जिले के खंडेला कस्बे के सरकारी मीडिल स्कूल में हिंदी प्रार्थना की जगह उर्दू नज्म (Iqbal poetry) पढ़े जाने से विवाद पैदा हो गया है. बजरंग दल के कार्यकर्ता और कुछ छात्रों ने धर्म विशेष की नज्म पढ़ाने का इल्जाम लगाते हुए स्कूल प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी की. इस बीच दूसरे पक्ष के लोग भी स्कूल पहुंच गए और नज्म के समर्थन में नारेबाजी की. इस तरह स्कूल का माहौल गर्म हो गया. छात्रों व हिंदू संगठनों के कार्यकर्ताओं ने मामले को लेकर शिक्षा विभाग के आला अफसरों को अवगत करवाने के बावजूद भी कोई कार्रवाई नहीं करने का भी इल्जाम लगाया है.
मामला बढ़ता देख खंडेला पुलिस ने मौके पर पहुंचकर आक्रोशित विद्यार्थियों व कार्यकर्ताओं से समझाइश कर मामले को शांत करवाया. मामला बढ़ता देख प्रशासन के आलाधिकारी भी मौके पर पहुंचे. आखिर दोनों पक्षों को कार्यालय में बैठकर आपसी बातचीत के बाद मामले को शांत करवाया गया. दोनों पक्षों ने शिक्षा विभाग की गाईड लाईन के मुताबिक, प्रार्थना सभा के दौरान सर्वधर्म प्रार्थना करवाने पर सहमति जताई.
बजरंग दल के जिला सह.संयोजक सुनील कटारिया ने बताया कि स्कूल में प्रार्थना सभा के दौरान पाकिस्तानी शायर इकबाल की नज़म “लब पे आती है दुआ बन के’’ स्कूल में पढ़ी जा रही थी. जब इसकी जानकारी मिली तो विरोध दर्ज करवाने के लिए शनिवार को विद्यालय प्रबंधन से मिलकर आपत्ति दर्ज कारवाई गई, लेकिन सोमवार को फिर वही वाक्या दोहराया गया. इसके बाद आज अभिभावक व हिन्दू संगठनों के लोग विद्यालय पहुँच गए और अपनी आपत्ती दर्ज कारवाई.
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