Sanjauli Mosque Case: शिमला की जिला अदालत ने सोमवार को हिमाचल प्रदेश वक्फ बोर्ड को एक हलफनामा दाखिल कर यह बताने का निर्देश दिया कि किस आधार पर लतीफ मोहम्मद और दूसरे लोगों ने यहां विवादित संजौली मस्जिद की तीन अनधिकृत मंजिलों को गिराने की पेशकश की थी. वक्फ बोर्ड को शुक्रवार को हलफनामा दाखिल करने का निर्देश दिया गया. संजौली मस्जिद के कथित अवैध हिस्से को गिराने की मांग को लेकर 11 सितंबर को हुए विरोध प्रदर्शन के दौरान दस लोग घायल हो गए थे, जिसके एक दिन बाद संजौली मस्जिद समिति के अध्यक्ष होने का दावा करने वाले लतीफ मोहम्मद और दूसरे लोगों ने मस्जिद की तीन 'अनधिकृत' मंजिलों को गिराने की पेशकश कर नगर आयुक्त से अनुमति मांगी थी. 


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मस्जिद के हिस्से को गिराने की अजाजत
नगर आयुक्त की अदालत ने पांच अक्टूबर को तीन अनधिकृत मंजिलों को गिराने की इजाजत दी थी और इस काम को पूरा करने के लिए दो महीने का समय दिया था, जिसके बाद ऑल हिमाचल मुस्लिम संगठन (AHMO) ने जिला न्यायालय में आदेश के खिलाफ अपील दायर की थी. AHMO के वकील विश्व भूषण ने संवाददाताओं को बताया कि AHMO ने कहा था कि लतीफ मस्जिद समिति के अध्यक्ष नहीं थे और उन्हें वक्फ अधिनियम की धारा 18 के तहत निगम आयुक्त की अदालत में कोई प्रतिनिधित्व देने का अधिकार नहीं था.


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अदालत का आदेश
शिमला नगर निगम की ओर से पेश हुए अधिवक्ता भुवनेश पाल ने बताया, "जिला न्यायालय ने वक्फ बोर्ड को हलफनामा दाखिल करने को कहा है, जिसमें यह बताने का निर्देश दिया गया कि लतीफ ने किस आधार पर संजौली मस्जिद की मंजिलों को गिराने का अनुरोध किया था. अदालत ने कहा कि यह भी साफ किया जाए कि वह संजौली मस्जिद समिति का अध्यक्ष है या नहीं." भूषण ने कहा कि अगली सुनवाई शुक्रवार को होगी.


10 लोग जख्मी
ख्याल रहे कि इसी साल हिमाचल प्रदेश के शिमला में 11 सितंबर को संजौली मस्जिद के खिलाफ हिंदूवादी संगठनों ने विरोध प्रदर्शन किया था. लोगों का इल्जाम था कि मस्जिद गैरकानूनी है. उन्होंने इसे गिराने की मांग की थी. पुलिस ने इस प्रदर्शन को कंट्रोल करने की कोशिश की, लेकिन यह हिंसक हो गया. विरोध प्रदर्शन के दौरान पुलिस समेत 10 लोग जख्मी हो गए.