Eknath Shinde on Muslims: महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने हमेशा हिंदुत्व की राजनीति की है. लेकिन अब उन्होंने अपनी पार्टी में मुस्लिम विंग की शुरूआत की है. शिंदे इस बात से ज्यादा प्रभावित हैं कि उनकी प्रतिद्वंदी पार्टी शिव सेना (अद्धव ग्रुप) को मुसलमानों का अच्छा समर्थन मिला है. इसलिए उन्होंने मुस्लिम वोटों को अपने पाले में करने की ठानी है. 


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कांग्रेस पर बरसे शिंदे


माइनॉरिटी विंग की पहली मीटिंग में मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने कांग्रेस पर इल्जाम लगाया कि कांग्रेस मुसलमानों के दिमाग में शिवसेना की गलत छवि बना रही है. उन्होंने कहा, "जो मुसलमान इस राज्य और देश का सम्मान करते हैं, वे हमारे हैं. हालांकि, यह कांग्रेस ही थी जिसने हमेशा दोनों समुदायों (हिंदू और मुस्लिम) के बीच दरार पैदा की. कांग्रेस सालों से दोनों समुदायों को एक-दूसरे से दूर रखने, दरार पैदा करने और वोटबैंक की राजनीति करती आई है.” 


शिवसैनिकों ने बचाई मस्जिद


शिंदे ने कहा कि "मुंबई और ठाणे में सांप्रदायिक तनाव के दौरान, शिवसेना कार्यकर्ताओं ने ना केवल मंदिरों बल्कि मस्जिदों की भी रक्षा की है. अगर हम अल्पसंख्यक समुदाय के खिलाफ होते तो अब्दुल सत्तार (कृषि मंत्री) को मंत्री नहीं बनाते. हम सभी समुदायों का सम्मान करते हैं"


उर्दू शेर पढ़ेत हैं शिंदे


शिंदे ने कहा कि वह क्षत्रपति शिवाजी में यकीन रखते हैं, जिन्होंने अपनी सेना में मुस्लिमों को जगह दी थी. उन्होंने कहा कि "हमारे यहां घर में खुद आदिल नाम का एक कर्मचारी है और रफीक नाम का एक ड्राइवर है." उन्होंने कहा कि वह खुद उर्दू के शेर पढ़ते हैं.


मुसलमानों के लिए किए काम


शिंदे ने अपनी सरकार में मुसलमानों के लिए जो काम किए उन्हें गिनवाया. उन्होंने कहा कि "महाविकास अघाड़ी सरकार ने एक बकरे के कत्ल के लिए मूल्य 20 रुपये से बढ़ा कर 200 रूपये कर दिए. लेकिन इस साल बकरीद से पहले मैंने इसे कम किया." उनके मुताबिक सरकार ने पुलिस को यह भी निर्देश दिया कि त्योहार के लिए बकरियों को ले जाने वाले वाहनों को सरकारी एजेंसियों के अलावा कोई और न रोके. मेरी सरकार ने इस साल ईद की छुट्टियों में भी बदलाव किया."


मुस्लिमों की होगी भर्ती


मुख्यमंत्री ने बताया कि "1990 के दशक में शिवसेना के संस्थापक बाल ठाकरे के पास एक मुस्लिम मंत्री साबिर शेख थे, वैसे ही उनकी सरकार में अब्दुल सत्तार हैं." शिंदे ने कहा कि "सरकार मुस्लिमों की परेशानियों के हल के लिए बैठक बुलाएगी, जो कुछ भी उनकी आसानी के लिए किया जा सकता है वह किया जाएगा. जहां भी नीति में बदलाव की जरूरत होगी, नियम बदले जाएंगे. वक्फ बोर्ड में भर्तियां की जाएंगी. लेकिन हम पाकिस्तान का समर्थन बर्दाश्त नहीं करेंगे."


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