Shahi Eidgah Dispute: श्रीकृष्ण जन्मभूमि-शाही ईदगाह मामले में मुस्लिम पक्ष ने सुप्रीम कोर्ट का रुख किया है. मुस्लिम पक्ष ने हाई कोर्ट के उस आदेश को चुनौती दी है जिसमें उन्होंने इस विवाद से जुड़े सारे 15 मुकदमों को एक साथ जोड़ कर सुनवाई का फैसला लिया था. इलाहाबाद हाईकोर्ट ने 23 अक्टूबर को मुस्लिम पक्ष की इस मसले पर दायर अर्जी को खारिज कर दिया था. हाई कोर्ट का मानना था कि इन सभी मुकदमों में मूल विषय एक है .इसलिए अगर एक साथ सुनवाई होती है तो इससे अदालत का क़ीमती वक़्त खराब होने से बचेगा. साथ ही अलग-अलग मुकदमों पर सुनवाई के चलते भ्रम की स्थिति भी नहीं बनेगी.


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मुस्लिम पक्ष ने सुप्रीम कोर्ट में दायर अर्जी में इसका विरोध किया है. मुस्लिम पक्ष का कहना है कि हाईकोर्ट का फैसला क़ानून सम्मत नहीं है. इन सभी मामलों में मांग अलग-अलग है. जबकि निचली अदालत ने भी इस मामलों को अलग-अलग सुना था.


इससे पहले हाईकोर्ट ने मस्जिद कमेटी की सभी 15 वाद को अलग सुने जाने की मांग वाली रिकॉल अर्जी खारिज कर दी थी. कोर्ट के फैसले के बाद शाही ईदगाह कमेटी के सेक्रेटरी तनवीर अहमद की प्रतिक्रिया देते हुए कहा था कि वह सुप्रीम कोर्ट में अपील करेंगे.


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हिन्दू पक्ष क्या है आरोप?
वहीं, इस मामले में हिंदू पक्ष का कहना है कि मुस्लिम पक्ष पहले भी सुप्रीम कोर्ट में कई याचिकाएं दायर कर चुकी हैं. अगर केस से जुड़े सारे मुकदमों को इलाहाबाद हाई कोर्ट ट्रांसफर कर एक साथ सुनता है तो इससे दोनों पक्षों को सहूलियत होगी और अदालत का वक्त भी बचेगा. लेकिन, मुस्लिम पक्ष इस पर भी एतराज कर रहा है. जाहिर है इसके जरिए वो मामले को लटकाने की कोशिश कर रहे हैं. हिंदू पक्ष ने भी कैवियट दाखिल कर मांग की है कि इस मसले पर कोर्ट कोई आदेश देने से पहले उसका पक्ष भी सुने. सुप्रीम कोर्ट इस विवाद पर पहले से लंबित पीटीशन्स पर 4 नवंबर को सुनवाई करेगा.


जानिए क्या है पूरा मामला? 
ज्ञात हो के मथुरा में मुगल बादशाह औरंगजेब के वक्त की शाही ईदगाह मस्जिद को लेकर हिन्दू पक्ष का दावा है कि इस मस्जिद को भगवान श्रीकृष्ण के जन्मस्थान पर एक मंदिर को तोड़कर बनाया गया है. जिसका मुस्लिम पक्ष ने विरोध कर रहे हैं. मुस्लिम पक्ष (शाही-ईदगाह मैनेजमेंट कमेटी और यूपी सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड) इस मामले का विरोध कर रहे हैं.