Tripura News: भारत के प्रमुख मुस्लिम संगठन जमीयत उलेमा-ए-हिंद ( Jamiat Ulema-e-Hind ) की त्रिपुरा राज्य इकाई ने रविवार को बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों पर हमलों की निंदा करते हुए उनकी सुरक्षा की मांग की. त्रिपुरा के अध्यक्ष मुफ्ती तैयब रहमान ने कहा कि इस्लाम हिंसा का समर्थन नहीं करता है. बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों के खिलाफ हो रही घटनाएं काफी निंदनीय है. उन्होंने कहा कि जमीयत उलेमा अगरतला जल्द ही इस मामले को लेकर बांग्लादेश के सहायक उच्चायुक्त को एक ज्ञापन सौंपेगी.


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मुफ्ती तैयब रहमान ने कहा, "बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों को बहुसंख्यकों के जुल्म का सामना करना पड़ रहा है. इस्लाम हिंसा का समर्थन नहीं करता. खगराचारी जिले में हाल की घटनाएं निंदनीय हैं और हम अल्पसंख्यकों के खिलाफ इस तरह के कृत्यों का सपोर्ट नहीं करते हैं."


रहमान ने बांग्लादेश के मुस्लिम कम्युनिटी से सद्भाव बनाए रखने का आग्रह किया. उन्होंने ऐलान किया कि जमीयत उलेमा अगरतला में बांग्लादेश के हाई कमीशन को एक ज्ञापन सौंपेगी, जिसमें पड़ोसी देश में अल्पसंख्यकों की सुरक्षा का आग्रह किया जाएगा.


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रानीरबाजार में उपद्रवियों ने 34 मुस्लिम घरों को किया आग के हवाले
उन्होंने पश्चिमी त्रिपुरा जिले के रानीरबाजार में अल्पसंख्यकों पर हाल में हुए हमलों पर भी चिंता जाहिर की. दरअसल, यहां पर कुछ दिन पहले कथित तौर पर असामाजिक तत्वों के द्वारा देवी काली की मूर्ति को क्षतिग्रस्त कर दिया था , जिसके बाद वहां के कुछ उपद्रवियों ने 34 परिवारों के घरों में आग लगा दी.


जमीयत ने मुआवजे की मांग की
उन्होंने कहा, "हम रानीरबाजार में मंदिर पर हमले और उसके बाद अल्पसंख्यक परिवारों के खिलाफ हुई हिंसा की भी कड़े शब्दों में मजम्मत करते हैं. हम दोनों घटनाओं के लिए जिम्मेदार लोगों को कड़ी से कड़ी सजा देने की मांग करते हैं. साथ ही जमीयत उन लोगों के लिए पूरे मुआवजे की मांग करती है, जिनके मकान को नुकसान पहुंचाया गया है."