UP: ग़ैर मान्यता प्राप्त मदरसों को भेजा गया नोटिस रद्द; बैकफुट पर शिक्षा विभाग
Madarsa Notice Cancelled: बेसिक शिक्षा विभाग की तरफ से मुजफ्फरनगर समेत कई जिलों में गैर मान्यता प्राप्त मदरसों को भेजा गया नोटिस रद्द कर दिया गया है. मुजफ्फरनगर में शिक्षा विभाग ने 12 मदरसो को नोटिस जारी किया था.
Illegal Madarsa Notice Cancelled: बेसिक शिक्षा विभाग की तरफ से मुजफ्फरनगर समेत कई जिलों में गैर मान्यता प्राप्त मदरसों को भेजा गया नोटिस रद्द कर दिया गया है. मुजफ्फरनगर में शिक्षा विभाग ने 12 मदरसो को नोटिस जारी किया था. इसके मुताबिक, गैर मान्यता प्राप्त मदरसों से रोजाना 10 हजार वसूल करने का नोटिस जारी किया गया था. अब इस नोटिस को बेसिक शिक्षा अधिकारी शुभम शुक्ला ने निरस्त कर दिया है. दरअसल, यूपी के मुजफ्फरनगर जिले में बिना 'पंजीकरण' के चल रहे एक दर्जन से ज्यादा मदरसों को नोटिस जारी करके दस्तावेज दिखाने का भी हुक्म दिया गया है. बेसिक एजुकेशन अफसर द्वारा जारी नोटिस में कहा गया था कि, अगर ऐसे मदरसे खुले हुए पाए गए तो इन पर रोजाना 10,000 रुपये का जुर्माना लगाया जाएगा.
केवल रजिस्ट्रेशन कराया है: संचालक
दूसरी तरफ, यूपी सरकार की सख्ती के बाद से गैर मान्यता प्राप्त मदरसा संचालकों में अफरा-तफरी का माहौल है. श्रावस्ती जिले में गैर मान्यता प्राप्त 192 मदरसों में से कुछ मदरसा संचालकों ने मदरसे बन्द कर दिए हैं. कुछ गैर मान्यता प्राप्त मदरसा के संचालको ने कहा कि हमने सिर्फ रजिस्ट्रेशन करा रखा है अगर सरकार सख्ती बरतेगी और कहेगी तो हम मदरसे बंद कर देंगे. दरअसल श्रावस्ती जिले में 297 मदरसे चल रहे हैं, जिनमे से 105 मदरसे मान्यता प्राप्त है और 192 मदरसे गैर मान्यता प्राप्त है. मान्यता प्राप्त मदरसों में 3 मदरसे सरकार द्वारा अनुदानित है. बात करें गैर मान्यता प्राप्त मदरसों की तो जिले के बॉर्डर इलाके समेत अन्य ब्लॉकों में 192 मदरसे संचालित हैं. इन मदरसों के संचालकों में ज्यादातर लोगों ने केवल रजिस्ट्रेशन ही करा रखा है. उसके बाद के किसी भी प्रोसेस को फॉलो नहीं किया.
जमीयत उलमा-ए-हिंद ने की आलोचना
इस पूरे मामले पर जमीयत उलमा-ए-हिंद ने ऐतराज जताते हुए इसे गैरकानूनी करार दिया था. जमीयत उलमा-ए-हिंद उत्तर प्रदेश इकाई के सेक्रेटरी मौलाना जाकिर हुसैन ने बुधवार को कहा था कि एक खास समुदाय को निशाना बनाकर मदरसों को अवैध नोटिस जारी कर परेशान किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि मदरसे छात्रों को मुफ्त एजुकेशन दे रहे हैं और वे प्रतिदिन 10,000 रुपये का जुर्माना नहीं भर सकेंगे".अब सरकार की सख्ती के बाद गैर मान्यता प्राप्त मदरसा संचालकों में खौफ का माहौल है. कुछ मदरसा संचालकों ने यूपी सरकार की सख्ती के बाद मदरसे ही बंद कर दिए हैं.
Watch Live TV