UP Madrasa News: उत्तर प्रदेश में 513 मदरसों की मान्यता खत्म हो गई है. सरकार का तर्क है कि मदरसा प्रबंधकों और संचालकों ने खुद ही मदरसों की मान्यता रद्द करने के लिए आवेदन किया था. जिसके बाद सरकार ने इन मदरसों की मान्यता रद्द कर दी, लेकिन हकीकत कुछ और ही है. कई मदरसों के प्रिंसिपल ने योगी  सरकार पर गंभीर इल्जाम लगाए हैं. 


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सरकार के तरफ से नहीं मिलती है मदद?
गाजीपुर के कोतवाली क्षेत्र के एक पुराने मदरसा कादरिया के प्रिंसिपल ने बताया है कि मदरसे को सरकार से कोई मदद नहीं मिलती है, सिर्फ वेतन मिल रहा है. सरकार ने कई वादे किए थे, जिसमें कहा गया था कि एक हाथ में कुरान और दूसरे में कंप्यूटर होगा, लेकिन दस साल हो गए और मदरसे को एक भी कंप्यूटर नहीं मिला, जो सुविधाएं मिलती थीं, वो सब बंद कर दी गई हैं.


टीचर्स ने सरकार पर लगाए गंभीर इल्जाम
टीचर्स ने बताया कि सिलेबस के मुताबिक पढ़ाई हो रही है. स्टूडेंट्स ने जनमन गण मन भी गाया, लेकिन सरकार पर अपना वादा पूरा नहीं की और सबसे बड़ी बात यह है कि मदरसों में विज्ञान की पढ़ाई का आदेश आया और शिक्षकों की नियुक्ति कर पढ़ाई भी शुरू कर दी गई, लेकिन आज तक विज्ञान के शिक्षकों को वेतन नहीं दिया गया है.


इस वजह से मदरसे हुए हैं बंद
टीचर्स ने आगे बताया कि मदरसे ऑनलाइन तो हो गए हैं, लेकिन पिछली सरकारों की तरह जो सुविधाएं दी जाती थीं. वो इस सरकार में सुविधाएं नहीं दी जा रही है. मदरसों को काफी खर्च करना पड़ रहा है. पिछली सरकारों में जो मदरसे मुनाफा कमाते थे, अब वो सारी सुविधाएं ऑनलाइन के नाम पर धीरे धीरे बंद कर दी गई हैं. इसलिए मदरसों पर खर्च का बोझ बढ़ गया है और मदरसे बंद होने की कगार पर हैं.


अल्पसंख्यक अधिकारी ने क्या कहा?
इस मामले में अल्पसंख्यक अधिकारी ग़ाज़ीपुर ने भी बताया कि ग़ाज़ीपुर से दो मदरसे जांच में बंद पाए गए थे और उनकी तरफ से मदरसा बंद करने की सूचना दी गयी थी. 


जमीयत उलेमा के अलीगढ़ महानगर अध्यक्ष ने सरकार पर लगाया गंभीर इल्जाम
वहीं, जमीयत उलेमा के अलीगढ़ महानगर अध्यक्ष मौलाना मुफ्ती अकबर कासिमी ने बड़ा बयान दिया है. उन्होंने कहा है कि सरकार मदरसा संचालकों को अंदर ही अंदर प्रताड़ित करने की कोशिश कर रही है. जिसके चलते मदरसा संचालकों को अपने मदरसे चलाने में दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है.


मौलाना मुफ़्ती अकबर कासिमी ने कहा कि अगर मदरसों की मान्यता और गैर मान्यता का मामला है तो जांच में लिस्ट सामने आ गई है. अगर उसमें मान्यता नहीं है तो मान्यता दे दीजिए. मदरसों को बंद करने की कोशिश, मदरसा संचालकों को कमजोर करना है. ये ठीक नहीं है.