Hardoi Madarsas News: उत्तर प्रदेश के हरदोई में छात्रों के नामांकन के साथ आधार कार्ड की अनिवार्यता से जिले के मदरसों में फर्जीवाड़े की खबरें सामने आ रही हैं. दरअसल आधार कार्ड की अनिवार्य किए जाने के साथ ही पिछले साल के मुकाबले में जिले के मदरसों के तकरीबन 10 हजार से ज्यादा विद्यार्थियों की तादाद घट गई है. जानकारी के मुताबिक, कई मदरसों में तो 90 प्रतिशत से ज्यादा छात्रों की कोई डिटेल ही नहीं मिल रही है, जिससे हलचल तेज हो गई है.


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स्कॉलरशिप में फर्जीवाड़ा
हरदोई के मदरसों में 3 करोड़ 60 लाख रुपये की स्कॉलरशिप का फर्जीवाड़ा हुआ है. आधार कार्ड जरूरी करार दिए जाते ही मदरसों के फर्जीवाड़े की कलई खुल गई. आधार कार्ड जरूरी होते ही मदरसों से  10 हजार से ज्यादा विद्यार्थी गायब हो गए. हरदोई जिले में  कुल 141 मदरसे संचालित हैं. पिछले एजुकेशन सेशन में 141 मदरसों में 25 हजार 944 थे. विद्यार्थी नामांकन में आधार के अनिवार्य होते ही ये तादाद कम होकर  15 हजार 759 पर सिमट गई. पुराने आंकड़ों पर नजर डालें, तो 10 हजार 185 विद्यार्थी अचानक गायब हो गए हैं. मौजूद शिक्षा सत्र में शासन ने साफ तौर पर निर्देश दिए थे कि सभी छात्रों की डिटेल आधार से जोड़ दी जाए, ताकि सीधे तौर पर छात्र के अकाउंट में स्कॉलरशिफ से लेकर और चीजों का बजट भेजा जा सके और फर्जीवाड़ा न हो.



मामले की जांच जारी: डीएम
बता दें कि, हर महीने छात्रों को तीन सौ रुपये के हिसाब से स्कॉलरशिप दी जाती है. यानि कि एक विद्यार्थी को एक साल में 3600 रुपये छात्रवृत्ति मिलती रही है. अगर आंकड़े जुटाए जाएं तो 10 हजार विद्यार्थियों को एक साल में तीन करोड़ 60 लाख रुपये छात्रवृत्ति भेजी गई और अब इन्हीं विद्यार्थियों का कोई डिटेल नहीं मिल रहा है. इस फर्जीवाड़े को रोकने के लिए ही छात्रों की पूरी जानकारी को आधार कार्ट से जोड़ा जा रहा है. इस मामले में हरदोई के डीएम मंगला प्रसाद ने जानकारी देते हुए बताया कि शासन के निर्देशानुसार आधार सीडिंग का काम कराया जा रहा है, जिसमें जनपद में संचालन मदरसों में पढ़ रहे छात्रों को जब आधार से जोड़ा गया तो तकरीबन 9000 से ज्यादा बच्चे मिसिंग पाए गए. इस पर जांच कराई जा रही है कि वह बच्चे कहां हैं ?


रिपोर्ट: आशीष द्विवेदी


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