Uttarakhand Madrasa News: उत्तराखंड में मदरसों को लेकर सियासत जारी है. इस बीच उत्तराखंड के सीएम पुष्कर सिंह धामी ने मदरसों की जांच के निर्देश दिए हैं. जिसके बाद सभी मदरसों की जांच की जा रही है. उत्तराखंड मदरसा बोर्ड के चेयरमैन मुफ्ती समून ने मदरसों की जांच को लेकर बड़ा बयान दिया है. उन्होंने कहा कि जांच सही दिशा में चल रही है. इस जांच से यह स्पष्ट हो जाएगा कि मदरसा पंजीकृत है या नहीं. मदरसों को हो रही फंडिंग की जांच का भी स्वागत किया जाना चाहिए. अगर कहीं गलत तथ्य मिल रहे हैं तो उनके खिलाफ ठोस कार्रवाई भी होनी चाहिए.


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कांग्रेस पर बोला हमला
उत्तराखंड मदरसा बोर्ड के चेयरमैन ने कांग्रेस पर भी हमला बोला है. उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने हमेशा मुसलमानों को वोट बैंक के रूप में इस्तेमाल किया है, जबकि प्रधानमंत्री मोदी चाहते हैं कि बच्चों के एक हाथ में कुरान और दूसरे हाथ में कंप्यूटर हो.


वहीं, उत्तराखंड में मदरसों की जांच को लेकर बीजेपी प्रदेश महामंत्री आदित्य कोठारी का कहना है कि सरकार ने बहुत सही कदम उठाया है, मदरसों की जांच बहुत जरूरी है. कांग्रेस मामले में सिर्फ राजनीति करती है.


कैसे होगी मदरसों की पहचान
मदरसा जांच के पहले चरण में जिला पुलिस की स्थानीय खुफिया जानकारी और उनके फंडिंग का पता लगाने के लिए सामूहिक सहयोग समूह का गठन किया गया. इसके बाद एक महीने के अंदर जिला स्तर पर लिस्ट तैयार कर अल्पसंख्यक कल्याण विभाग के माध्यम से आगे की कार्रवाई के लिए पुलिस मुख्यालय को भेजी जाएगी.


किसको दी गई है जांच की जिम्मेदारी
राज्य मदरसा बोर्ड के मुताबिक, उत्तराखंड में करीब 415 मदरसों का रजिस्ट्रेशन है. जिनमें 50 हजार से ज्यादा स्टूडेंट्स पढ़ते हैं. वहीं, राज्य में कई मदरसे बिना रजिस्ट्रेशन के चल रहे हैं. इसी वजह से उत्तराखंड के सीएम ने मदरसों की जांच के आदेश दिए हैं.  अवैध मदरसों की पहचान करने की जिम्मेदारी उत्तराखंड पुलिस और अल्पसंख्यक कल्याण विभाग को दी है. इसके बाद उत्तराखंड पुलिस की एलआईयू यूनिट पूरे प्रदेश में मदरसों की जानकारी खंगाल रही है.