Haldwani violence: उत्तराखंड सरकार ने शनिवार को हलद्वानी के बनभूलपुरा में कानून व्यवस्था की स्थिति बनाए रखने के लिए केंद्रीय अर्धसैनिक बलों की चार अतिरिक्त कंपनियों की मांग की है. इस इलाके में कुछ दिन पहले जिला प्रशासन की तरफ से अतिक्रमण विरोधी अभियान चलाया गया जिस दौरान हिंसा भड़क गई थी. शनिवार को केंद्रीय गृह सचिव को लिखे पत्र में उत्तराखंड की मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने अर्धसैनिक बलों की मांग की.


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राधा रतूड़ी ने खत में लिखा कि "नैनीताल जिले के हलद्वानी शहर के बनभूलपुरा थाना क्षेत्र के अंतर्गत मलिक का बगीचा में 08.02.2024 को अतिक्रमण अभियान चलाया जा रहा है. लेकिन अराजक तत्वों द्वारा कानून-व्यवस्था को प्रभावित किए जाने की कोशिश हो रही है. इसलिए अतिरिक्त अर्धसैनिक बलों की 04 कंपनियों की जरूरत है."


गुरुवार को अतिक्रमण विरोधी अभियान के बाद भड़की हिंसा में पांच लोगों की मौत हो गई, जिसके बाद इलाके में कर्फ्यू लगा दिया गया. वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (SSP) नैनीताल पीएन मीना ने भी कहा कि तीन मामले दर्ज किए गए हैं जिनमें 19 लोगों को नामित किया गया है. अधिकारियों के अनुसार, मामलों में 5,000 अज्ञात लोगों को भी नामित किया गया है.


इससे पहले, गृह मंत्रालय ने गुरुवार को बनभूलपुरा में हिंसा भड़कने के बाद अर्धसैनिक बलों की चार कंपनियों को नैनीताल जिले के हल्द्वानी भेजा था. उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने शुक्रवार दोपहर को हल्द्वानी का दौरा किया और कहा कि महिला अधिकारियों सहित पुलिस कर्मियों पर हमला बेहद निंदनीय है. उन्होंने यह भी कहा कि कुछ लोगों ने देवभूमि में माहौल खराब करने की कोशिश की है और कानून अपने हाथ में लिया है.


सीएम धामी ने कहा, "अदालत के निर्देशानुसार अतिक्रमण विरोधी अभियान चल रहा है. कल, जब प्रशासन अवैध संपत्ति को गिराने की कोशिश कर रहा था, हिंसा भड़क उठी और महिला अधिकारियों सहित हमारे पुलिस कर्मियों पर हमला किया गया और उन पर पथराव किया गया. प्रशासन ने लोगों को पहले ही सूचित कर दिया था. यह बेहद निंदनीय है."


सीएम ने घटनास्थल पर घायल महिला पुलिस टीम और अन्य कर्मचारियों, प्रशासन, नगर निगम कर्मियों और पत्रकारों की स्थिति के बारे में भी जानकारी ली. इससे पहले, सीएम धामी ने शुक्रवार को राज्य के राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल (सेवानिवृत्त) गुरमीत सिंह से भी मुलाकात की और उन्हें हल्द्वानी के बनभूलपुरा इलाके में हुई हिंसक झड़प के बाद राज्य में कानून व्यवस्था की स्थिति से अवगत कराया.