Waqf News: वक्फ से जुड़े दो संशोधन बिल पर AIMIM चीफ असदुद्दीन ओवैसी और डीएमके सांसद ए राजा समेत कई JPC के सदस्यों ने लोकसभा स्पीकर ओम बिरला से  JPC का कार्यकाल बढ़ाने की गुजारिश की है. इन सांसदों ने स्पीकर को संबोधित करते हुए एक खत लिखा है लिखा है. जिसमें कहा गया है कि हम आपसे गुजारिश करने के लिए खत लिख रहे हैं कि वक्फ विधेयक पर संयुक्त संसदीय समिति का कार्यकाल उचित समय के लिए बढ़ाया जाए."


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सांसदों ने इन चीजों का दिया हवाला
खत में जेपीसी



का बैठकों का हवाला दिया गया है. इसमें लिखा गया है कि 22 अगस्त 2024 को अपनी पहली बैठक के बाद से जेपीसी ने सिर्फ 25 बैठकें की हैं. जिनमें मुख्तलिफ संगठनों और व्यक्तियों द्वारा सबूत और राय शामिल हैं. साथ ही, बिहार, नई दिल्ली और उत्तर प्रदेश सहित विभिन्न राज्य सरकारों को अभी भी समिति के समक्ष प्रस्तुत होना है. इसके अलावा, विभिन्न प्रतिनिधि हितधारक संगठन अभी भी समिति के समक्ष अपने विचार रखने के लिए समय मांग रहे हैं.


 


तीन महीने का समय है नहीं है उचित
खत में आगे लिखा गया है कि वक्फ संशोधन विधेयक मौजूदा कानूनों में महत्वपूर्ण बदलाव पेश करता है, जिसका भारत की आबादी के एक बड़े हिस्से पर प्रभाव पड़ता है. ये बदलाव भारत की आबादी के एक बड़े हिस्से को प्रभावित करेंगे. इसलिए, रिपोर्ट को अंतिम रूप देने से पहले सिर्फ तीन महीने का समय न सिर्फ उचित नहीं है, बल्कि अनुचित सिफारिशें भी हो सकती हैं. उचित परामर्श और विचार-विमर्श के लिए, समिति का कार्यकाल उचित समय तक बढ़ाया जाना चाहिए.” 


सांसदों ने की ये मांग
इसमें यह भी कहा गया है कि पर्याप्त सार्वजनिक भागीदारी के बिना विधायी प्रक्रियाओं को जल्दबाजी में पूरा करना संसद और व्यापक विधायी ढांचे की वैधता को कमजोर करता है. सदस्यों ने यह उम्मीद जताते हुए निष्कर्ष निकाला कि विधायी प्रक्रिया की अखंडता को बनाए रखने के लिए उनके अनुरोध पर अनुकूल तरीके से विचार किया जाएगा.


जेपीसी का रिपोर्ट है तैयार
गौरतलब है कि वक्फ (संशोधन) विधेयक, जिसे 8 अगस्त 2024 को लोकसभा में गरमागरम बहस के बाद पेश किया गया था, बाद में जगदंबिका पाल की अध्यक्षता वाली संयुक्त संसदीय समिति को भेज दिया गया. संयुक्त संसदीय समिति विभिन्न हितधारकों के साथ चर्चा कर रही है, जिसे जारी रखना चाहिए. वक्फ विधेयक का उद्देश्य वक्फ संपत्तियों के प्रबंधन में सुधार करना है, लेकिन इसके कुछ प्रावधानों की आलोचना की गई है.