Article 370: नेशनल कॉन्फ्रेंस चीफ और जम्मू-कश्मीर के पूर्व सीएम फारूक अब्दुल्ला ने आर्टिकल 370 को लेकर सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर नाराजगी जाहिर की है. उन्होंने आज यानी 12 दिसंबर को संसद कैंपस में कहा जम्मू-कश्मीर जहन्नूम में जाए. उन्होंने ये टिप्पणी पत्रकारों के एक सवाल का जवाब देते हुए की है. 


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

उन्होंने कहा, ''जम्मू-कश्मीर जहन्नूम में जाए. लोगों के दिल जीतने हैं? कैसे जीतोगे दिल? जब ऐसी-ऐसी चीजें करोगे, जिससे लोग आपसे और दूर जाएं." हालांकि, इसके बाद में लोकसभा सांसद ने अपने बयान को लेकर मीडिया को सफाई दी.


जम्मू कश्मीर के लोकसभा सांसद फारूक अब्दुल्ला ने कहा, "आप लोग मुझे तंग करते हैं. आप (सरकार) इलेक्शन क्यों नहीं करवा रहे? आपने स्टेटहुड छीन लिया है. आप कहते हैं कि दहशतगर्द खत्म हो गया? क्या अब लोग नहीं मर रहे हैं? फैक्ट्रियां लाने की बात कही थी, कौन सी फैक्ट्री लगी? यह हमारा देश है और हमारा वतन होकर भी यहां इंसाफ नहीं होगा तो कहेंगे ही कि आप लोगों ने जहन्नूम में पहुंचा दिया है."


उन्होंने भारत के पहले पीएम जवाहरलाल नेहरू का भी बचाव किया है. फारूक अब्दुल्ला ने कहा, "आर्टिकल 370 के लिए नेहरू जिम्मेदार नहीं थे." पूर्व सीएम की प्रतिक्रिया ऐसे वक्त में दी है, जब राज्यसभा में गृह मंत्री अमित शाह ने जम्मू-कश्मीर समस्या के लिए नेहरू को जिम्मेदार ठहराया था.


उन्होंने कहा, "मुझे नहीं पता कि उनके मन में नेहरू के खिलाफ इतना जहर क्यों है. नेहरू जिम्मेदार नहीं हैं. जब आर्टिकल 370 आया तो सरदार पटेल वहां थे. जब कैबिनेट की बैठक हुई, तब नेहरू अमेरिका में थे. जब फैसला लिया गया तो श्यामा प्रसाद मुखर्जी भी मौजूद थे." अब्दुल्ला ने आगे कहा, "हम चाहते हैं कि चुनाव हों. हम उम्मीद कर रहे थे कि अगर सुप्रीम कोर्ट आर्टिकल 370 को हटा देता है, तो वे तुरंत इलेक्शन कराने के लिए कहेगा, लेकिन कोर्ट ने सितंबर तक का वक्त दिया है इसका क्या मतलब है?" 


सुप्रीम कोर्ट ने जम्मू-कश्मीर को विशेष दर्जा देने वाले आर्टिकल 370 को रद्द करने के केंद्र सरकार के फैसले को वैध ठहारया था. फैसला सुनाते हुए कोर्ट के चीफ जस्टिस ने कहा कि 2019 में आर्टिकल 370 रद्द करने का भारत सरकार का फैसला सही था और ये आर्टिकल एक अस्थायी प्रावधान था.


Zee Salaam Live TV