Waqf Bill पर AIMPLB से अलग क्यों है पसमांदा संगठन की राय, बैठक में हुई नोकझोंक
Waqf Bill Update: लोकसभा में वक्फ बोर्ड से जुड़े दो विधेयक पेश किए गए. इस दौरान विपक्ष और सत्ता पक्ष के बीच तीखी बहस हुई. सरकार ने इस विधेयक को ऐतिहासिक बताया, जबकि विपक्ष ने इस विधेयक को संविधान के खिलाफ बताया. जिसके बाद जेपीसी का गठन किया गया.
Waqf Bill Update: संसद की जेपीसी समिति वक्फ से जुड़े दो विधेयकों पर विचार कर रही है. इस दौरान वह कई हितधारकों से राय ले रही है. इस बीच देश के दो बड़े मुस्लिम संगठनों ने जेपीसी से बड़ी मांग की है. दोनों संगठनों ने जेपीसी के सामने पेश होकर विधेयक के एक क्लॉज को हटाने जाने पर आपत्ति जताई है.
ऑल इंडिया पसमांदा मुस्लिम महाज (एआईपीएमएम) और ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड (एआईएमपीएलबी) के प्रतिनिधि पिछले महीने लोकसभा में पेश किए गए वक्फ संशोधन विधेयक पर संयुक्त समिति के सामने पेश हुए. संसदीय समिति के एक सदस्य ने बताया कि एआईपीएमएम के प्रतिनिधियों ने बिल का समर्थन करते हुए कहा कि इससे पिछड़े वर्गों के मुसलमानों को फायदा होगा.
AIMPLB ने किया विरोध
वहीं, ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के प्रतिनिधियों ने विधेयक का विरोध किया और इसे मुस्लिम समुदाय के हितों के खिलाफ बताया. एआईएमपीएलबी ने विधेयक के उन प्रावधानों पर आपत्ति जताई है, जो पांच साल तक मुस्लिम धर्म का पालन करने वाले व्यक्ति को वक्फ बनाने का अधिकार देने की बात कहते हैं. समिति की बैठक में तीखी बहस हो गई, जब राज्यसभा में एक विपक्षी सदस्य ने भाजपा सदस्य मेधा कुलकर्णी पर कुछ ‘‘आहत करने वाली टिप्पणियां’’ कीं.
बीजेपी सांसद से हुई नोकझोंक
बीजेपी सांसद मेधा कुलकर्णी समिति के सामने पेश हुए कानूनी विशेषज्ञ फैजान मुस्तफा से वक्फ संचालन परिषद की संरचना पर सवाल पूछ रही थीं. सूत्रों के मुताबिक, जब कुलकर्णी मुस्तफा से स्पष्टीकरण मांग रही थीं, तो हंगामा हुआ. विशेष रूप से विपक्ष के एक राज्यसभा सदस्य द्वारा की गई कुछ टिप्पणियों को लेकर बैठक में नोकझोंक हुई.
माफी कमेटी की बैठक में मांगी जाए
कुलकर्णी ने विपक्षी सदस्य से माफी की मांग की, जिसे संबंधित सांसद ने तत्काल नहीं माना, हालांकि बाद में विपक्षी सदस्य ने समिति के अध्यक्ष जगदंबिका पाल और बीजेपी सदस्य अपराजिता सारंगी की मौजूदगी में कुलकर्णी से खेद व्यक्त किया. सूत्रों का कहना है कि कुलकर्णी ने इस बात पर जोर दिया कि माफी समिति की बैठक के दौरान मांगी जाए जहां कथित रूप से आहत करने वाली टिप्पणियां की गई थीं.