Bangladesh News: शेख हसीना के प्रधानमंत्री पद से इस्तीफे के बाद के हफ्तों में बांग्लादेश में अल्पसंख्यक बिरादरी के 49 शिक्षकों को इस्तीफा देने के लिए मजबूर किया गया. स्थानीय मीडिया रिपोर्टों में यह बात कही गई है. द डेली स्टार की रिपोर्ट के मुताबिक, बांग्लादेश हिंदू बुद्धिस्ट क्रिश्चन ओइक्या परिषद की छात्र शाखा 'बांग्लादेश छात्र ओइक्या परिषद' ने शनिवार को जातीय प्रेस क्लब में आयोजित एक प्रेस कांफ्रेंस में यह जानकारी दी.


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अल्पसंख्यकों पर जुल्म
संगठन के संयोजक साजिब सरकार ने कहा कि शेख हसीना की कयादत वाली सरकार के पतन के बाद से धार्मिक और जातीय अल्पसंख्यकों को हिंसा का सामना करना पड़ा है. उन्होंने कहा, इसमें लूटपाट, औरतों पर हमले, मंदिरों में तोड़फोड़, घरों और कार्यस्थलों पर आगजनी यहां तक कि कत्ल भी शामिल हैं. सरकार ने आगे खुलासा किया कि देश भर में अल्पसंख्यक शिक्षकों को शारीरिक हमलों का सामना करना पड़ा जिसकी वजह से 30 अगस्त तक कम से कम 49 शिक्षकों को जबरन इस्तीफा देना पड़ा. हालांकि, उनमें से 19 शिक्षकों को दोबारा बहाल कर दिया गया है.


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शेख हसीना को छोड़ना पड़ा पद
शेख हसीना की सरकार को पिछले महीने छात्रों के नेतृत्व वाले हिंसक कोटा विरोधी प्रदर्शनों के बाद पद छोड़ने के लिए मजबूर होना पड़ा था, जिसमें 400 से ज्यादा लोगों की मौत हो गई थी. 
बांग्लादेश में अंतरिम सरकार के मुख्य सलाहकार मोहम्मद यूनुस ने शपथ लेने के बाद कहा था कि वह संविधान की मर्यादा बनाए रखेंगे, लोगों का सपोर्ट और उनकी हिफाजत करेंगे और ईमानदारी से अपने कर्तव्यों का पालन करेंगे. तब बांग्लादेश में बड़े पैमाने पर हिंसा भड़क उठी थी.


हिंदुओं पर जुल्म
शेख हसीना के ढाका छोड़ने के बाद इल्जाम लग रहे हैं कि देश में असामाजिक तत्वों ने अशांति फैलाई और हिंदुओं के घरों तथा पूजा स्थलों को निशाना बनाया. देश के 23 धार्मिक संगठनों के एक राष्ट्रीय गठबंधन, बांग्लादेश जातीय हिंदू मोहजोत (BJHM) ने कहा कि 5 अगस्त के बाद से देश के 48 जिलों में 278 स्थानों पर हिंदू परिवारों को हिंसा और बर्बरता का सामना करना पड़ा है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बांग्लादेश की स्थिरता और विकास के लिए भारत के सपोर्ट को भी दोहराया. उन्होंने कहा आने वाले दिनों में हम हमेशा बांग्लादेश की 'विकास यात्रा' के लिए शुभकामनाएं देंगे क्योंकि हम मानव जाति के शुभचिंतक हैं.