नई दिल्ली में स्थित अफगानिस्तान दूतावास ने अपने मिशन को बंद करने का ऐलान किया है. अफगान दूतावास बंद करने की वजह भारत सरकार द्वारा लगातार पेश की जा रही चुनौतियों को बताया गया है. अफगानिस्तान दूतावास की तरफ से जारी किए गए स्टेटमेंट में कहा गया है कि भारत सरकार की तरफ से सपोर्ट न मिलने की वजह हमें अपना भारत मिशन बंद करना पड़ा रहा है. 


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मिशन बंद होने की ये है वजह
भारत में अफगानिस्तान दूतावास पिछले 22 सालों से काम कर रहा है. भारत और अफगानिस्तान के रिश्ते हमेशा से ही अच्छे रहे हैं, लेकिन 2020 में तालिबान सरकार आने के बाद कई चीज़े बदल गई है. अफगानिस्तान दूतावास की तरफ से जारी किए गए अपने दो पेज के स्टेमेंट में लिखा, "भारत सरकार द्वारा लगातार पेश की जा रही चुनौतियों की वजह से हमने नई दिल्ली स्थित अपने राजनयिक मिशन को 23 नवंबर से स्थायी रूप से बंद कर दिया है. बयान में कहा गया, यह फैसला दूतावास द्वारा 30 सितंबर 2023 को परिचालन बंद करने के बाद लिया गया है.


परिचालन बंद करने का कदम इस उम्मीद में उठाया गया था कि, अफगानिस्तान मिशन को भारत में जारी रखने के लिए भारत सरकार के रुख में अनुकूल बदलाव आएगा. लेकिन अफसोस कि आठ हफ्ते के इंतजार के बावजूद राजनयिकों के लिए वीजा की अवधि में विस्तार और भारत सरकार के आचरण में बदलाव नहीं आया.



भारत सरकार से अपील 
मिशन ने कहा कि इस समय भारत में अफगान का कोई दूतावास नहीं है. अफगानिस्तान इस्लामी रिपब्लिक दूतावास में काम करने वाले कर्मी अन्य देशों में सुरक्षित पहुंच गए हैं. बयान में कहा गया है कि भारत में अब केवल तालिबान से जुड़े राजनयिक हैं, जो ऑनलाइन बैठकों में भाग लेते दिखते हैं. इसके साथ ही अफगान मिशन ने उम्मीद जताई है कि भारत सरकार भारत में मौजूद अफगानिस्तान के नागरिकों और प्रोपर्टी की हिफाज़त करेगी.