America on Israel Hamas War: क्या चाहता है अमेरिका? दो राज्यों के सवाल को टालके दिखे मंत्री
America on Israel Hamas War: इजराइल और हमास के बीच जंग जारी है. ऐसे में अमेरिका के विदेश मंत्री ने मिडिल ईस्ट का दौरा किया, इस दौरान वह इजराइल भी गए. पढ़ें पूरी खबर
America on Israel Hamas War: इजराइल और हमास के बीच जंग जारी है. कई देश ऐसे हैं जो इस जंग को रोकना चाहते हैं. अमेरिका भी चाहता है कि इस जंग का अब अंत हो. अमेरिकी विदेश मंत्री ने सऊदी और इजराइल का दौरा किया और इस मामले का हल निकालने की कोशिश की है. उधर नेतन्याहू अडिग हैं कि वह हमास के खात्मे तक इस जंग को खत्म नहीं करने वाले हैं. इस जंग को लेकर विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन का बयान आया है.
क्या बोले एंटनी ब्लिंकन?
संयुक्त राज्य अमेरिका के विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने कहा है कि गाजा में नागरिकों की मौत की तादाद "बहुत अधिक" है, खासकर बच्चों की, और उन्होंने घिरी हुई पट्टी तक अधिक प्रभावी ढंग से पहुंचने के लिए सहायता का आह्वान किया. मंगलवार को यरूशलेम में एक संवाददाता सम्मेलन में बोलते हुए, ब्लिंकन ने कहा कि अमेरिका यह सुनिश्चित करने के लिए कि 7 अक्टूबर की घटना दोबारा न हो इजरायल के साथ खड़ा है.
ब्लिंकन का जंग शुरू होने के बाद मिडिल ईस्ट का यह चौथा दौरा था. इस दौरान उन्होंने कहा इज़राइल ने यह सुनिश्चित करने के लिए कदम उठाए हैं कि सहायता गाजा की आबादी तक पहुंचे. जिसमें करेम अबू सलेम को खोलना शामिल है. जिसे करेम शलोम भी कहा जाता है.
कहां-कहां गए थे ब्लिंकन?
इजराइल पहुंचने से पहले ब्लिंकन ने तुर्की, ग्रीस, जॉर्डन, सऊदी अरब, मिस्र, कतर और संयुक्त अरब अमीरात का सफर किया था. ब्लिंकन ने कहा, "संघर्ष खत्म होने पर क्षेत्र के कई देश [गाजा के] पुनर्निर्माण और सुरक्षा में निवेश करने के लिए तैयार हैं." "लेकिन उनके लिए यह जरूरी है कि फ़िलिस्तीनी राजनीतिक राज्य की प्राप्ति के लिए एक स्पष्ट मार्ग भी हो."
ब्लिंकन ने टाला सवाल
ब्लिंकन से जब एक रिपोर्टर ने पूछा कि क्या इजराइली सरकार दो राज्य समाधान को कबूल करेगी और राजनयिक रिश्तों पर सहमत होगी, तो उन्होंने इस सवाल को टाल दिया और कहा कि तेल अवीव के लिए नहीं बोल सकते. अमेरिकी विदेश विभाग के अनुसार, इससे पहले मंगलवार को ब्लिंकन ने नेतन्याहू के साथ एक बैठक की थी, जिसमें उन्होंने "आगे नागरिकों को होने वाले नुकसान से बचने और गाजा में नागरिक बुनियादी ढांचे की रक्षा करने के महत्व पर जोर दिया था."