बांग्लादेश: शेख हसीना को 15 साल की सत्ता से बेदखल करने के पीछे कौन? भारतीय राजदूत ने किया खुलासा
Bangladesh News: बांग्लादेश में नौकरी में रिजर्वेशन के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे स्टूडेंट्स काफी उग्र हो गए थे. सरकार के खिलाफ हो रहे हिंसक विरोध प्रदर्शन के बाद शेख हसीना को पीएम पद से इस्तीफा देकर देश छोड़कर भागने के लिए मजबूर होना पड़ा था. अवामी लीग की नेता शेख हसीना जान बचाकर 5 अगस्त को भारत आ गईं थीं. तब से वो भारत में ही हैं. बांग्लादेश में शेख हसीना को 15 साल की सत्ता से बेदखल करने में किसका हाथ था? ये खुलासा हो गया है. इसकी जानकारी अंतरिम पीएम मोहम्मद यूनुस ने दी है.
Bagladesh News: बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के चीफ एडवाइजर डॉक्टर मोहम्मद यूनुस ने आखिरकार एक्सेप्ट कर लिया है कि शेख हसीना के खिलाफ शुरू हुआ आंदोलन अचानक शुरू नहीं हुआ था. संयुक्त राष्ट्र महासभा की बैठक में हिस्सा लेने गए नोबेल विजेता यूनुस ने न्यूयॉर्क में एक प्रोग्राम में पूर्व पीएम शेख हसीना के खिलाफ शुरू हुए आंदोलन के पीछे के असली मास्टरमाइंड के बारे में बताया. वहीं, इसे लेकर भारतीय राजदूत कलारिकल प्रांचू फेबियान ने गुरुवार को प्रतिक्रिया दी है.
उन्होंने ने बताया कि बांग्लादेश में पहले स्टूडेंट्स ने रिजर्वेशन को लेकर आंदोलन किया था. रिजर्वेशन को लेकर उनकी सोच अच्छी थी लेकिन उन्होंने आंदोलन जारी रखा. यह सच है कि शेख हसीना ने पिछले कई सालों से बांग्लादेश के लिए बहुत काम किया है लेकिन यह भी सच है कि अवामी लीग की नेता शेख हसीना ने किसी की नहीं सुनी.उन्होंने अपने करीबियों को यह नहीं बताया कि रिजर्वेशन को लेकर आंदोलन होगा. हम सब जानते हैं कि युवाओं के लिए नौकरियां नहीं हैं. सत्ता बिल्कुल अलग-थलग है.
जनरल ने शेख हसीना को किया था आगाह
उन्होंने कहा कि शेख हसीना ने वहां के जनरल को बुलाया था. तब बातचीत के दौरान जनरल ने उनसे कहा था कि जो स्टूडेंट्स विरोध कर रहे हैं वे अब पीएम आवास की तरफ बढ़ रहे हैं. वे बहुत परेशान हैं और बहुत गुस्से में भी हैं. इसके जवाब में शेख हसीना ने गुस्से में जनरल से कहा कि मैंने आपको क्यों बहाल किया है? यहां पर यह भी कहा जा सकता है कि शेख हसीना वास्तविक स्थिति को समझ नहीं पा रही थीं.
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किसने गिराई शेख हसीना की सरकार?
बांग्लादेश के अंतरिम पीएम यूनुस ने कहा कि कोई नहीं समझ पा रहा है कि विरोध प्रदर्शन के पीछे कौन है. लेकिन, उन्होंने महफूज अब्दुल्ला का नाम लेते हुए संकेत दिया कि हसीना को 15 साल की सत्ता से बेदखल और देश से बाहर करने में उनकी भूमिका अहम थी.
हालांकि, भारतीय राजदूत ने इस सवाल पर कहा कि मुझे नहीं लगता कि बांग्लादेश के पिछले पीएम यूनुस ने जिस शख्श का नाम लिया है, वह हो सकते हैं क्योंकि उनका नाम पहली बार मीडिया में आया है, लेकिन यह साफ है कि स्टूडेंट्स ने विरोध किया और रिजर्वेशन में राहत मिलने के बाद भी छात्रों ने आंदोलन जारी रखा. पाकिस्तान के ISI, जमात-ए-इस्लामी के साथ मिलकर उन लोगों की यकीनी तौर पर से शेख हसीना की सरकार को गिराने की योजना थी.
मोहम्मद यूनुस ने महफूज आलम की तारीफ की
उल्लेखनीय है कि मोहम्मद यूनुस ने महफूज आलम की अगुआई की तारीफ की और उन्हें पूरे आंदोलन का जिम्मेदार ठहराया. यूनुस ने कहा, "उन्हें पूरे क्रांति के पीछे का दिमाग माना जाता है। वह बार-बार इससे इनकार करते हैं, लेकिन उन्हें ऐसा ही माना जाता है. पूरी चीज के पीछे उनका दिमाग है. यह अचानक नहीं हुआ। इसे बहुत अच्छी तरह से डिजाइन किया गया था."