हिंसा के बीच बांग्लादेश की PM शेख हसीना ने दिया इस्तीफा, PMO में घुसे प्रदर्शनकारी
Sheikh Hasina resigned: बड़ी संख्या में प्रदर्शनकारी प्रधानमंत्री आवास में घुस गए हैं. शेख हसीना के बेटे ने देश के सुरक्षा बलों से संभावित तख्तापलट की कोशिशों को सफल नहीं होने देने की गुजारिश की है.
Sheikh Hasina resigned: बांग्लादेश हिंसा की आग में जल रहा है. इस प्रधानमंत्री शेख हसीना ने इस्तीफा दे दिया है. मीडिया रिपोर्ट वह सेना के विशेष हेलीकॉप्टर से भारत के लिए रवाना हो गई हैं. इस बीच बड़ी संख्या में प्रदर्शनकारी प्रधानमंत्री आवास में घुस गए हैं. शेख हसीना के बेटे ने देश के सुरक्षा बलों से संभावित तख्तापलट की कोशिशों को सफल नहीं होने देने की गुजारिश की है. इस बीच राजधानी ढाका समेत पूरे देश में सेना तैनात कर दी गई है. सड़कों से पुलिस को हटा दिया गया है. इससे पहले सत्तारूढ़ अवामी लीग और मुख्य विपक्षी पार्टी बीएनपी के शीर्ष नेतृत्व के बीच सेना मुख्यालय में बड़ी बैठक हो रही है.
भारत पहुंची शेख हसीना
बांग्लादेश में स्टूडेंट्स आज यानी 5 अगस्त को देशव्यापी कर्फ्यू लगाया गया था. फिर भी प्रदर्शनकारी पीएम शेख हसीना के इस्तीफे की मांग को लेकर राजधानी ढाका तक एक लंबे मोर्चा के लिए इकट्ठा हो गए और प्रधानमंत्री कार्यालय में घुस गए. जिसके बाद अफरा-तफरी का माहौल हो गया और शेख हसीना को इस्तीफा देना पड़ा है. इसके साथ ही शेख हसानी को बांग्लादेश छोड़ना भी पड़ा है. शेख हसीना देश छोड़कर भारत पहुंच गई है.
500 लोगों की मौत
बांग्लादेश में विरोध प्रदर्शन में 500 से ज्यादा लोगों की मौत हो गई है. रिजर्वेशन के खिलाफ में शुरू हुआ यह विरोध प्रदर्शन अब पूरी तरह से हिंसा का रुप ले चुका है. 4 अगस्त को हुई हिंसा में 100 से ज्यादा लोगों की मौत हो गई है. सड़कों पर हंगामा कर रहे प्रदर्शनकारियों को हटाने के लिए पुलिस ने बल प्रयोग किया. इंटरनेट पर प्रतिबंध लगा दिया गया, अनिश्चितकालीन कर्फ्यू लगा दिया गया है.
लेकिन इस बीच शेख हसीना सरकार के नेताओं ने दावा किया है कि छात्रों का यह विरोध प्रदर्शन कट्टरपंथी जमात-ए-इस्लामी संगठन और पूर्व प्रधानमंत्री खालिद जिया की पार्टी बीएनपी की स्टूडेंट शाखा बांग्लादेश इस्लामी स्टूडेंट शिबिर ने किया है.
क्या है पूरा मामला
दरअसल, शेख हसीना सरकार ने हाल ही में जमात-ए-इस्लामी, उसकी स्टूडेंट यूनियन और उससे जुड़े अन्य संगठनों पर बैन लगा दिया था. यह कदम बांग्लादेश में कई हफ्तों तक चले हिंसक विरोध प्रदर्शन के बाद उठाया गया था. सरकार की इस कार्रवाई के बाद ये संगठन शेख हसीना सरकार के खिलाफ सड़कों पर उतर आए हैं. ऐसे में शेख हसीना सरकार को बड़ी मुश्किलों का सामना करना पड़ सकता है.