पूर्व पीएम शेख हसीना की बढ़ी मुश्किलें, बांग्लादेश ट्रिब्यूनल में एक और मामला हुआ दर्ज
Shekih Hasina: बांग्लादेश की पूर्व पीएम शेख हसीना के खिलाफ ट्रिब्यूनल में एक और मामला दर्ज किया गया है. यह मामला मई 2013 में एक इस्लामी समूह द्वारा आयोजित रैली के दौरान मानवता के खिलाफ अपराध और नरसंहार करने के मामले में दर्ज किया गया है. इससे पहले पूर्व पीएम पर तीन मामले दर्ज किए जा चुके हैं.
Bangladesh News: बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना और उनकी सरकार के पूर्व मंत्रियों और पार्टी के नेताओ की मुश्किलें लगातार बढ़ती जा रही हैं. बांग्लादेश के इंटरनेशनल क्रिमिनल ट्रिब्यूनल में मंगलवार को एक नई शिकायत दर्ज कराई गई है, जिसमें बांग्लादेश अवामी लीग की नेता शेख हसीना और 23 अन्य खिलाफ मामला दर्ज कराया गया है.
76 साल की पूर्व पीएम के खिलाफ दर्ज मामलों की लिस्ट में यह ताजा मामला है, जो मई 2013 में एक इस्लामी समूह द्वारा आयोजित रैली के दौरान मानवता के खिलाफ अपराध और नरसंहार करने के मामले में दर्ज किया गया है.
‘द डेली स्टार’ अखबार की खबर के मुताबिक, हाईकोर्ट के वकील गाजी एमएच तमीम ने हिफाजत-ए-इस्लाम के ज्वाइंट सेक्रेटरी (एजुकेशन और लॉ ) मुफ्ती हारुन इजहार चौधरी की तरफ से शिकायत दर्ज कराई गई है. अखबार ने जांच एजेंसी के डिप्टी डाइरेक्टर (प्रशासन) अताउर रहमान के हवाले से कहा, "हमने शिकायत दर्ज कर ली है और आज से जांच शुरू कर दी गई है."
उन्होंने आगे कहा, "जब हम प्रारंभिक जांच पूरी कर लेंगे और घटनास्थल का मौका मुआयना करेंगे और जब ट्रिब्यूनल का दोबारा गठन हो जाएगा तो हम प्रोसिक्यूटर्स के जरिए से आरोपियों के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट के लिए अपील करेंगे."
पूर्व पीएम के ऊपर दर्ज ताजा मामला क्या है?
दरअसल, शिकायत में हसीना और 23 अन्य पर पांच मई 2013 को मोतीझील के शापला छतर में हिफाजत-ए-इस्लाम रैली के दौरान मानवता के खिलाफ क्राइम और कतलेआम करने का आरोप लगाया गया है. यह नेशनल क्रिमिनल ट्रिब्यूनल में दर्ज की गई चौथी शिकायत है, जिसमें पूर्व पीएम पर आरोप लगाया गया है.
विरोध प्रदर्शन में जब 300 लोगों की हुई थी मौत
शेख हसीना ने सरकारी नौकरियों में विवादास्पद रिजर्वेशन सिस्टम को लेकर उनकी सरकार के खिलाफ बड़े पैमाने पर हुए विरोध प्रदर्शन के बाद 5 अगस्त को प्पीएम पद से इस्तीफा दे दिया था और देश छोड़कर भारत आ गई थी. बांग्लादेश में सरकारी नौकरियों में रिजर्वेशन को लेकर कई महीनों तक चले छात्र के विरोध प्रदर्शन 300 से ज्यादा लोगों की मौत हो गई थी. तब से वे भारत में ही हैं.