Gaza News: गाज़ा में हालात बद से बदतर होते जा रहे हैं. कई हजार लोगों की जानें जा चुकी हैं, अब इस मामले को लेकर वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गनाइजेशन का बयान आया है. डब्ल्यूएचओ चीफ ने रविवार को कहा कि गाजा में "विनाशकारी" स्वास्थय हालातों में सुधार करना लगभग असंभव होगा. भले ही बोर्ड मेडिकल एक्सेस सुनिश्चित करने के लिए कोई प्रस्ताव ही पारित क्यों न कर दे.


गाज़ा में हालात बद से बदतर


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इस वक्त गाजा में हालात बद से बदतर हो चले हैं, लोगों के पास जरूरी दवाईयां नहीं है और लोगों का इलाज नहीं हो पा रहा है. फ़िलिस्तीनी अफसरान ने भी गाजा के बिगड़ते हालातों के बारे में बताया है. अधिकारियों का कहना है कि न के बराबर बिजली है, खाना या साफ पानी नहीं मिल पा रहा है, और साथ ही मेडिकल सिस्टम ढह गया है.


इन देशों ने मांगी मदद की इजाजत


मेडिकल इमरजेंसी देखते हुए अफगानिस्तान, क़तर, यमन और मोरोक्को ने गाजा के लिए पैसेज मांगा है, ताकि मेडिकल सप्लाइज पहुंचाई जा सके. डब्ल्यूएचओ के महानिदेशक टेड्रोस एडनोम घेब्येयियस ने कहा, "मुझे आपके साथ साफ होना चाहिए: मौजूदा हालातों में ये काम लगभग असंभव हैं." टेड्रोस ने जिनेवा में 34 सदस्यीय बोर्ड को बताया कि गाजा में मेडिकल जरूरतें बढ़ गई हैं और बीमारी का खतरा बढ़ गया है.


आधे से ज्यादा गाजा भूख से मर रहा है
गाजा में काम करने वाली 25 टीमों के साथ फिलीस्तीनी चिकित्सा राहत समितियों के संघ के प्रमुख, फिलिस्तीनी राजनेता डॉ. मुस्तफा बरगौटी ने कहा,"आधा गाजा अब भूख से मर रहा है". उन्होंने कहा कि 350,000 लोगों को इन्फेक्शन था, जिनमें से 115,000 सीरियस सांस से जुड़ी दिक्कत से पीड़ित थे और उनके पास गर्म कपड़े, कंबल और बारिश से बचने के लिए कुछ नहीं था.


पेट की समस्या से पीड़ित लोग


उन्होंने आगे कहा कि इनमें से काफी लोग पेट की समस्या से पीड़ित हैं, क्योंकि साफ पानी नहीं मिल पा रहा है. हालांकि पानी को गर्म करके इसे पीने लायक बनाया जा सकता है, लेकिन इसके लिए ईंधन ही नहीं है. जिसकी वजह से पेचिश टाइयफाइड और हैजा का खतरा बढ़ रहा है. गाजा में इजराइल ने ज्यादातर अस्पतालों को तबाह कर दिया है. जो अस्पताल खुले हैं वे बड़ी तादाद में घायलों से भरे हुए हैं.


स्वास्थ्य सुविधाओं पर 449 हमले


डब्ल्यूएचओ के डेटाबेस से पता चलता है कि 7 अक्टूबर से फिलिस्तीनी इलाकों में स्वास्थ्य सुविधाओं पर 449 हमले हुए हैं. फ़िलिस्तीनी स्वास्थ्य मंत्री माई अल-कैला ने दवाओं की गंभीर कमी की निंदा की है. उन्होंने वीडियो के जरिए डब्ल्यूएचओ की बैठक में कहा, "हालात की तात्कालिकता को बढ़ा-चढ़ाकर नहीं बताया जा सकता."