मुसलमानों के खिलाफ चीन के जुल्म की खबरें कुछ नई नहीं है. लेकिन हाल ही में चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग की मुस्लिम देशों से करीबी बढ़ने के बाद ऐसी खबर का आना चौकाने वाला है. बता दे अरब देशों के नेताओं ने गाजा युद्ध के बीच चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग से मुलाकात की थी. चीन ने एक दूसरे के घोर विरोधी सऊदी अरब और ईरान में भी मध्यस्ता कराई थी. लेकिन 'ह्यूमन राइट्स वॉच' की चीन पर आई रिपोर्ट में कई चौकाने वाले खुलासे हुए है. ह्यूमन राइट्स वॉच ने इपनी रिपोर्ट में कई मुस्लिम मस्जिद और उनके चीनकरण करने का जिक्र किया है. 


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चीन में मस्जिदों को किया जा रहा बंद 
HRW की रिपोर्ट में कहा गया है कि चीन सरकार देश में मौजूद मस्जिदों को बंद करा रही है और उनके ढांचे को बदल उनका चीनीकरण कर रही है. आपको बता दे चीन की पहचान एक नास्तिक देश के रूप में की जाती है, लेकिन वहां की सरकार देश में सभी नागरिक के लिए धार्मिक आजादी का दावा करती है. चीन में मुस्लिम आबादी करीब 2 करोड़ है, इससे पहले मुसलमानों पर चीनी सरकार के जुल्म की खबरें शिनजियांग प्रांत से ही आती थी लेकिन इस रिपोर्ट में खुलासा हुआ कि चीन के दूसरे इलाकों में भी चीनी सरकार इस्लाम के पालन से मुसलमानों को रोकने के लिए व्यवस्थित प्रयास कर रहीं है.


रिपोर्ट को मुताबिक धार्मिक आजादी को दबाने की कोशिशों में शिनजियांग के बाहर भी चीन सरकार ने कई कदम उठाए हैं. जिसमें कई मस्जिदों में नमाज पर पाबंदी लगा दूसरे उपयोग के लिए कब्जे में ले लेना है, कुछ को बंद कर दिया गया है और कुछ को तोड़ दिया गया है. 



चीन ने पश्चिमी संगठनों के दावे को खारिज किया 
एसोसिएटेड प्रेस में छपी रिपोर्ट के मुताबिक चीन के विदेश मंत्रालय ने कहा कि वह चीन में मौजूद मस्जिदों के रख-रखाव का ध्यान रखते हैं और सभी धर्मों को मानने वाले लोगों की जरूरतों को पूरा करते हैं. उन्होंने चीन को बदनाम करने और एकतरफा विचार और  राजनीतिक हेरफेर करने लिए पश्चिमी संगठनों को जिम्मेदार ठहराया है