पैसे की तंगी और कमाई की लालच में इस मुस्लिम देश की लड़कियां कर रही `अस्थाई निकाह`
Pleasure Marriages: इंडोनेशिया को शादी की एक प्रथा को लेकर काफी आलोचनाओं का समना करना पड़ रहा है. यहां पिछले कुछ सालों से `अस्थाई निकाह` एजेंसियों के लिए कमाई करने का सबसे आसान जरिया बन चुका है. ये एंजेंसियां गरीब लड़कियों को `अस्थाई निकाह` के लिए तैयार करता है, इसके लिए वो टूरिस्टों से मोटी रकम ऐंठता है. इस शादी को `खुशी विवाह` के रूप में जाना जाता है, जो अब इंडोनेशिया के पुनकक में उद्योग बन गई हैं.
Indonesia: शादी दो लोगों के साथ-साथ दो परिवारों का मिलन होता है. दुनियाभर के हर धर्म के लोग कई रीति-रिवाजों को फॉलो करते हुए इस पवित्र बंधन में बंधते हैं. इसलिए शादी को सात जन्मों का बंधन भी कहा जाता है. लेकिन, इंडोनेशिया से एक ऐसी आनोखी शादी की खबर आई है, जिसे सुनकर हर कोई हैरान है! दरअसल, इंडोनेशिया के गांवों में गरीब लड़कियां टूरिस्टों को खुश करने के लिए उनकी अस्थायी पत्नियां बन रही हैं. इसके बदले में टूरिस्ट उन्हें मोटी रकम अदा करते हैं. इंडोनेशिया की इस प्रथा की दुनियाभर में जमकर निंदा की जा रही है.
टूरिस्ट शादी के बदले अदा करते हैं मोटी रकम
इंडोनेशिया के पश्चिमी क्षेत्र में पुनकक गांव पिछले कुछ सालों से मिडिल ईस्ट के टूरिस्टों को काफी आकर्षित कर रहा है. यहां टूरिस्टों की भीड़ 12 महीनों तक रहती है. इस भीड़ के पीछे की कहानी यहां की कुदरती खूबसूरती ही नहीं, बल्कि यहां की हसीन लड़कियां भी हैं. यहां के कोटा बुंगा के पर्वतीय रिसॉर्ट में पुरुष पर्यटकों को स्थानीय एजेंसियों के जरिए से इस गांव की गरीब लड़कियों से मिलवाया जाता है, और उसके साथ उसकी अस्थायी शादी करवाई जाती है. शादी के लिए जब दोनों दोनों पक्ष सहमत हो जाते हैं, तो वे तुरंत एक अनौपचारिक शादी का प्रोग्राम आयोजित करते हैं. इस प्रोग्राम में ही शादी कर रहे शख्स को मुआवजे के तौर पर दुल्हन की कीमत का भुगतान अदा करना पड़ता है.
अस्थायी शादी पुनकक में बन चुका है उद्योग
शादी के बाद दोनों पति-पत्नी की तरह साथ रहते हैं. जब पति का सेक्स से मन भर जाता है, तो वो अपना दौरा समाप्त कर दुल्हन को छोड़ देता है. लॉस एंजिल्स टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक, इस तरह की अस्थायी शादियां, जिन्हें "खुशी विवाह" के रूप में जाना जाता है, जो अब पुनकक में एक उद्योग बन गई हैं, जिससे टूरिस्ट और स्थानीय अर्थव्यवस्था को बढ़ावा मिल रहा है.
एक लड़की की 15 बार हो चुकी है शादी
काहाया नाम की एक लड़की ने 17 साल की उम्र में अस्थाई पत्नी बनने का अनुभव साझा किया. काहाया ने लॉस एंजिल्स टाइम्स को बताया कि उसकी 15 से ज्यादा बार शादी हो चुकी है, और उसके "पति" सभी मध्य पूर्व के टूरिस्ट हैं. यहां हैरान करने वाली बात यह है कि उनका पहला अस्थायी पति 50 साल का था, जो सऊदी अरब का रहने वाला था. इस शादी के लिए उन्हें दुल्हन की कीमत के रूप में 850 अमेरिकी डॉलर यानी भारती 72 हजार रूपये करीब चुकाई थी. लेकिन इसमें से आधी रकम एजेंसी के खाते में चला जाता है, जो इस शादी में अगुआई करते हैं.
काहाया ने बताया कि वह इससे हर महीने 300 से 500 अमेरिकी डॉलर के बीच कमा लेती है, इस पैसे वह अपने मकान का किराया और अपने बीमार दादा-दादी की देखभाल आसानी से कर लेती है.
इस प्रथा को लेकर इस्लामी कानून क्या कहता है?
इंडोनेशिया के मुस्लिम आबादी वाला देश है, जिसमे विवाह आदि को लेकर बड़े सख्त नियम हैं. वहां से ऐसी ख़बरें आना कई सवाल खड़े करता है. इस्लाम में ऐसी प्रथा को निकाह मुताह या ‘Pleasure Marriages’ कहा जाता है, जो शिया इस्लाम संस्कृति का आज भी हिस्सा है. हालांकि, ज्यादातर शिया समुदाय के विद्वान इस प्रथा को पूरी तरह से गलत मानते हैं. इस मामले में मुफ़्ती डॉक्टर शमशुद्दीन नदवी कहते हैं, "इस्लाम के आखिरी पैगम्बर मुहम्मद साहब के ज़माने में लम्बे समय तक घर से दूर युद्ध के मैदान में रहने वाले सैनिकों की यौन इच्छा को संतुष्ट करने के लिए अस्थाई तौर पर ऐसे विवाह को मान्यता दी गई थी, लेकिन जल्द ही इस आदेश को वापस लेकर इसे अपराध करार दे दिया गया था.. लेकिन ऐयाश किस्म के मुसलमान इस निष्क्रिय व्यवस्था की आड़ में आज भी ऐसी गलतियाँ या अपराध करते हैं."
क्या कहता है इंडोनेशिया का कानून
वहीं, इंडोनेशियाई कानून में भी इस शादी को मान्यता नहीं दी गयी है. इंडोनेशिया में विवाह कानूनों के उल्लंघन पर जुर्माना, जेल और शरिया कानून के तहत सजा देने का प्रावधान है. लेकिन, इसके बावजूद इंडोनेशिया में ऐसी शादियां खुले आम हो रही है. कुछ साल पहले तक ऐसी शादिय हैदराबाद में भी हो रही थी. सऊदी अरब से अमीर शेख यहाँ की गरीब लड़कियों से शादी कर महीने २ महीने में तलाक देकर वापस सऊदी अरब चले जाते थे. बदले में उसे मेहर की मोटी रकम चुका देते थे, रुपए के लालच में गरीब बाप अपनी बेटियों की इस तरह की शादियाँ करते थे. हालांकि, लोकल प्रशासन और लोगों की बेदारी के बाद अब इस अपराध पर बहुत हद तक रोक लग चुका है.