Israel-Iran War: एक अधिकारी ने कहा, रविवार को इज़राइल की युद्ध कैबिनेट की बैठक अगले कदमों पर फैसला किए बिना हुई, जबकि ईरान के जरिए सप्ताहांत में पहली बार 300 से ज्यादा मिसाइलें और ड्रोन दागे जाने के बाद घबराई हुई दुनिया शोडो वॉर की और बढ़ने के किसी भी संकेत दिखा रही है. यह पहली बार है कि ईरान ने अपनी मिट्टी से इजराइल पर हमला किया है.


ईरान ने इजराइल पर किया हमला


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हालांकि, ईरान के जरिए कि गए हमलों ने यूके और यूएस ने एक तरह से नकामयाब कर दिया. जिसका श्रेय यहूदी मुल्क ने अंतरराष्ट्रीय सैन्य गठबंधन को दिया है. सोमवार, 15 अप्रैल को यूएस सेंट्रल कमांड या सेंटकॉम ने दावा किया कि 13 अप्रैल और 14 अप्रैल को अमेरिकी यूरोपीय कमांड विध्वंसक के जरिए समर्थित उसकी सेना ने 80 से अधिक एकतरफ़ा हमले वाले मानव रहित हवाई वाहनों (ओडब्ल्यूए यूएवी) को तबाह कर दिया.


इजरायली सेना ने यह भी बताया कि ईरान के हमले से पहले 99 फीसद बैराज को सफलतापूर्वक रोक दिया गया था, और कोई इजरायली हताहत नहीं हुआ था. ईरान ने कहा है कि उसने अपना मकसद पूरा कर लिया है. अमेरिका और यूरोप में इज़राइल के सहयोगियों ने रविवार को दिए गए बयानों में और संयम बरतने की गुजारिश की है.


इजराइल के चीफ पर्सन ने क्या कहा?


इजराइल के मुख्य प्रवक्ता रियर एडमिरल डेनियल हगारी ने कहा कि देश हाई अलर्ट पर है और हालात का आकलन कर रहा है. डेनियल हैगारी ने एक टेलीविजन बयान में कहा, "पिछले कुछ घंटों में हमने आक्रामक और रक्षात्मक दोनों तरह की कार्रवाई के लिए ऑपरेशनल प्लान को मंजूरी दी है."


दशकों पर ईरान ने सीधे तौर पर किया इजराइल पर हमला


बता दें, शनिवार को ईरान ने हमला किया था. यह हमला सीरिया में एक संदिग्ध इजरायली हमले के दो हफ्ते के बाद हुआ था. जिसमें दो ईरानी जनरलों की मौत हो गई थी, इसके अलावा कई कर्मचारियों को भी इसमें जान गवानी पड़ी थी. देश की 1979 की इस्लामी क्रांति के बाद पहली बार ईरान ने इजरायल पर सीधा सैन्य हमला किया है.


शनिवार को  इजराइल की बातचीत में क्या हुआ?
रॉयटर्स की रिपोर्ट के मुताबिक, इजरायली अधिकारियों ने कहा कि प्रधान मंत्री बेंजामिन नेतन्याहू की पांच सदस्यीय युद्ध कैबिनेट ने रविवार को एक बैठक की थी. जिसमें जवाबी कार्रवाई का समर्थन किया था, हालांकि पैनल यह फाइनल नहीं कर पाया कि जवाबी कार्रवाई कब की जाए और इसकी स्केल कितनी बड़ी होनी चाहिए.


जवाबी कार्रवाई पर क्या है यूएस का रुख


यूएस को इजराइल का बड़ा समर्थक माना जाता है. अमेरिका ही हथियारों से इजराइल की मदद करता आया है. हमास के खिलाफ जंग में भी कई बार यूएस इजराइल को हथियार दे चुका है और हूति विद्रोहियों के खिलाफ कार्रवाई में यह गठबंधन का हिस्सा है. ईरानी हमले के बाद अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन ने कहा है कि नेतन्याहू को ध्यान से और स्ट्रैटिजिकली सोचना चाहिए. सूत्रों के हवाले से खबर है कि अमेरिका ने साफ किया है कि अगर इजराइल हमला करता है तो वह उसका साथ नहीं देने वाला है, और वह किसी तरह की मिलिट्री सहायता भी नहीं देगा.


विदेश मंत्री एस जय शंकर ने उठाया बड़ा कदम


विदेश मंत्री एस जयशंकर ने रविवार को ईरानी और इजरायली समकक्षों के साथ अलग-अलग फोन पर बातचीत के दौरान पश्चिम एशिया के हालातों पर भारत की चिंताओं से अवगत कराया और तनाव से बचने की आवश्यकता पर जोर दिया. जयशंकर ने पहली बार रविवार शाम को ईरानी विदेश मंत्री होसैन अमीर-अब्दुल्लाहियन से बात की और "क्षेत्र की मौजूदा हालाक" पर चर्चा की.