Iran attack on Israel: इसराइल पर ईरान के हमले के बाद क्या बोले मुस्लिम ब्रदरहुड मुल्क
Iran attack on Israel: इसराइल ने सीरिया में मौजूद ईरानी दूतावास पर हमला कर दिया. इस हमले में ईरान के दो कमांडर समेत 13 लोगों की मौत हुई थी. इस हमले के बाद ईरान ने जवाबी कार्रवाई करते हुए इसराइल पर हमला किया था, जिसके बाद मुस्लिम देशों ने प्रतिक्रिया दी है.
Iran attack on Israel: मिडिल ईस्ट में उस समय तनाव अपने चरम पर पहुंच गया, जिस वक्त इसराइल ने सीरिया में मौजूद ईरानी दूतावास पर हमला कर दिया. इस हमले में ईरान के दो कमांडर समेत 13 लोगों की मौत हुई थी. इसके कुछ हफ्तों बाद ईरान ने जवाबी कार्रवाई करते हुए इसराइल पर 300 से ज्यादा ड्रोन और क्रूज मिसाइलों से हमले किए. 'बदले' की रणनीति के तहत ईरान की तरफ से इसराइल पर किए गए इस हमले पर दुनियाभर के मुस्लिम मुल्कों ने प्रतिक्रिया दी है.
सऊदी अरब ने क्या कहा?
ईरान के हमले के बाद सऊदी अरब के विदेश मंत्रालय ने बयान जारी कर कहा, "मिडिल ईस्ट में सैन्य शक्ति में बढ़ोतरी के घटनाक्रम और इसके गंभीर परिणाम पर सऊदी अरब गहरी चिंता जाहिर की है. सऊदी अरब सभी पक्षों से एहतियात बरतने और युद्ध के खतरों को टालने की गुजारिश करता है. सऊदी अरब, सुरक्षा परिषद से इंटरनेशनल पीस बनाए रखने में अपनी जिम्मेदारी को पूरा करने की गुजारिश करता है. अंतराष्ट्रीय शांति और सुरक्षा के दृष्टिकोण से मिडिल ईस्ट बहुत ही महत्वपूर्ण है और UN को जंग के संकट को बढ़ने से रोकने के लिए कदम उठाने चाहिए."
कतर ने क्या कहा?
वहीं, कतर के विदेश मंत्रालय ने बयान जारी कर कहा, "मिडिल ईस्ट के हालिया घटनाक्रम पर कतर गहरी चिंता गहरी चिंता जाहिर की है और सभी पक्षों से तनाव को रोकने और शांति बहाल करने के लिए ज्यादा से ज्यादा एहतियात बरतने की गुजारिश करता है. इलाके में तनाव को कम करने और हालात को नियंत्रण में लाने के लिए कतर इंटरनेशनल कम्युनिटी से तत्काल कदम उठाने की गुजारिश करते हैं."
तुर्की ने क्या कहा?
तुर्की ने राजनयिक जराए ने न्यूज एजेंसी रॉयटर्स से बात करते हुए कहा, "इसराइल पर ईरान के हमले के बाद तुर्की के विदेश मंत्री हकन फिदान ने ईरान के विदेश मंत्री होसैन अमीर-अब्दुल्लाहियन से फोन पर बात की. इस दौरान फिदान ने ईरानी विदेश मंत्री को बताया कि तुर्की नहीं चाहता है कि इसराइल के खिलाफ ड्रोन और मिसाइल हमले के बाद पूरे मिडिल ईस्ट में तनाव बढ़े."
पाकिस्तान ने क्या कहा?
इसराइल पर ईरान के हमले के बाद पाकिस्तान ने भी बयान जारी किया है. पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय ने बयान जारी कर कहा, "मिडिल ईस्ट के हालिया घटनाक्रम पर पाकिस्तान गहरी चिंता जाहिर की है. 2 अप्रैल 2024 को सीरिया में ईरानी दूतावास पर हमले को पाकिस्तान ने पहले ही अस्थिर इलाके में एक बड़ी घटना बताया था." हालिया घटनाक्रम कूटनीति के नाकाम होने के नतीजों को दिखाता है. यह घटनाक्रम उन 'गंभीर' हालातों को भी उजागर करते हैं, जहां संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद अंतरराष्ट्रीय शांति और सुरक्षा बनाए रखने की अपनी जिम्मेदारियों को पूरा करने में असफल है. पाकिस्तान महीनों से इस रीजन में संघर्ष को कम करने और गाजा में सीजफायर के लिए इंटरनेशनल कोशिशों की आवश्यकता को उठाया है. मध्य पूर्व इलाके में हालात को स्थिर करना और शांति बहाल करना बहुत जरूरी है. हम सभी पक्षों से ज्यादा से ज्यादा एहतियात बरतने की गुजारिश करते हैं."
मलेशिया ने क्या कहा?
मलेशिया के पीएम अनवर इब्राहिम ने इसराइल पर ईरानी हमलों की वजह से सीरिया में ईरानी दूतावास पर तथाकथित इसराइली हमले को बताया है. उन्होंने कहा, "सीरिया में ईरानी दूतावास पर हमला कर इसराइली सरकार के जरिए इंटरनेशनल लॉ का उल्लंघन किया गया है."
यमन ने ईरान का किया समर्थन
इसराइल पर ईरान के हमले के बाद यमन के हूती विद्रोही संगठन ने ईरान का समर्थन किया है. हूती संगठन के प्रवक्ता ने कहा, "सीरिया में ईरानी दूतावास पर संदिग्ध इसराइली हमले के जवाब में इसराइल पर ईरान का हमला वैध था." वहीं, हूती संगठन ने अक्टूबर से ही इसराइल के दक्षिणी बंदरगाह पर मिसाइलों और ड्रोन्स से हमला करके इसराइली जहाजों को लाल सागर से जाने से रोक रहा है.
लेबनान ने की ईरान की तारीफ
लेबनान के हिजबुल्लाह ने एक बयान जारी करते हुए इसराइल पर ईरान के हमले की तारीफ की है और इसे साहसिक कदम बताया है. हिजबुल्लाह ने कहा है, "ईरान ने धमकी और दबाव के बावजूद अपने कानूनी अधिकारों का इस्तेमाल किया है.