इराक इन दिनों भयानक भीषण गर्मी की चपेट में है. यहां बिजली और पानी की कमी हो रही है. यहां पर सरकार के विरोध में लोग सड़कों पर उतर रहे हैं. ईराक में बिजली पानी के संकट के लिए लोग तुर्की को जिम्मेदार ठहरा रहे हैं. दरअसल ईराक उन देशों में शुमार होता है जो क्लाइमेट चेंज से सबसे ज्यादा प्रभावित हैं. 


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बगदाद में विरोध कर रहे लोगों ने कहा कि तुर्की ने उनकी नदियों का बहाव कम कर दिया है. इन दिनों ईराक में तापमान 50 डिग्री के आसपास पहुंच रहा है. ऐसे में रेगिस्तानी इलाके में रहना बहुत मुश्किल हो रहा है. यहां तालाब सूख रहे हैं. पानी की दिक्कत हो गई है. बिजली की कमी है. ऐसे में प्रदर्शनकारी शांति से सरकार से और तुर्की से पानी की मांग कर रहे हैं.


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ईराक की राजधानी के पास बेबीलोन नाम का राज्य पड़ता है. यहां के कुछ लोग राजधानी पहुंचे और विरोध प्रदर्शन किया है. उनकी मांग है कि सरकार बिजली और पानी की परेशानी दूर करे. उनका कहना है कि वह अंतरराष्ट्रीय स्तर परा जाएंगे और तुर्की के प्रोडक्ट्स का बॉयकॉट करेंगे. बताया जाता है कि ईराक और तुर्की एक डैम बना रहे हैं. इस वजह से यहां से गुजरने वाली नदियों  का जलस्तर कम हो रहा है. इसकी वजह से ईराक की नदियां सूख रही हैं. 


इराक से दो नदियां यूफ्रेट्स और टाइग्रिस गुजरती हैं. ईराक अपनी पानी की जरूरतों को इन्हीं दो नदियों से पूरा करता है. दोनों ही नदियां तूर्की और ईराक से होकर ईरान को पहुंचती हैं. दोनों नदियां आपस में जुड़ी हैं. ईराक के लोगों का इल्जाम है कि तुर्की ने नदियों का पानी कम कर दिया है. गर्मी को मौसम में पानी और बिजली की कमी ने आम लोगों की परेशानी को बढ़ा दिया है. कुछ लोगों का यह भी इल्जाम है कि यहां दशकों से बिजली की परेशानी बनी हुई है. 


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