Israel Hostages Killed: इजराइली सेना की कार्रवाई पर लगातार सवाल उठते आए हैं. गुरुवार को पब्लिश हुई एक सैन्य जांच में कहा गया है कि इजरायली सैनिकों ने "मदद" के लिए पुकार को नजरअंदाज कर दिया और वह इमारत में घुस गए और बंधकों को मार डाला. इस रिपोर्ट के सामने आने के बाद सेना पर कई तरह के सवाल खड़े होने शुरू हो गए हैं.


जांच में हुआ बड़ा खुलासा


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

जांच में कहा गया है कि सैनिकों ने 10 दिसंबर को हिब्रू में "बंधकों" को चिल्लाते हुए भी सुना था, लेकिन उन्होंने सोचा कि यह हमास के जरिए उकसाने की कोशिशों में से एक है. यह मानते हुए कि इमारत विस्फोटकों से भरी हुई थी, सैनिक बाहर निकल गए और भागने की कोशिश कर रहे पांच हमास लड़ाकों को मार डाला. इसके बाद रिपोर्ट में कहा गया है कि बंधक भी शायद इमारत से भी भागने लगे और इजरायली सैनिकों ने गलती से खतरा समझ कर गोली मार दी.


एक बंधक भाग निकला


रिपोर्ट में कहा गया है बंधकों में से दो की तो तुरंत मौत हो गई. जांच में कहा गया कि तीसरा बंधक भाग गया और उसकी पहचान करने के लिए सैनिकों को गोली न चलाने का आदेश दिया गया. "मदद!" की चीखें सुनकर और "वे मुझ पर गोली चला रहे हैं", इजरायली कमांडरों ने जिंदा बंधक को सैनिकों की ओर बढ़ने के लिए कहा, लेकिन पास के टैंक के "शोर" के कारण "आदेश नहीं सुनने वाले" दो सैनिकों ने उसे गोली मार दी. सभी बंधकों ने शर्ट नहीं पहनी थी और एक ने हाथ में सफेद झंडा लिया हुआ था.


जांच रिपोर्ट के साथ पब्लिश एक बयान में सेना के चीफ हर्ज़ी हलेवी ने कहा, "इस घटना में सेना बंधकों को छुड़ाने के अपने मिशन में विफल रही है. यह तीन मौतों को रोका जा सकता था." तीन बंधकों की मौत के बाद इजाइली प्रधानमंत्री ने शोक व्यक्त किया और कहा कि इसने मेरा और देश का दिल तोड़ दिया है. मरने वालों के नाम योताम, एलोन और सामेर थे.