Delhi GRAP-4: दिल्ली में ग्रैप-4 की पाबंदियां रहेंगी लागू, जानें स्कूल खुलेंगे या रहेंगे बंद
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Delhi GRAP-4: दिल्ली में ग्रैप-4 की पाबंदियां रहेंगी लागू, जानें स्कूल खुलेंगे या रहेंगे बंद

Delhi Air Pollution: अगली सुनवाई 28 नवंबर को 3.30 बजे होगी, जिसमें प्रदूषण के स्तर को देखते हुए शिक्षण संस्थानों के संचालन पर चर्चा की जाएगी. कोर्ट ने कमेटी से यह भी कहा कि वह 10वीं और 12वीं कक्षा के छात्रों के लिए स्कूल खोलने के विकल्प पर विचार करें.

Delhi GRAP-4: दिल्ली में ग्रैप-4 की पाबंदियां रहेंगी लागू, जानें स्कूल खुलेंगे या रहेंगे बंद

Delhi Pollution: दिल्ली और एनसीआर में प्रदूषण की समस्या को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने एक बार फिर सख्ती दिखाई है. 25 नवंबर को हुई सुनवाई में अदालत ने कहा कि ग्रैप 4 का पालन जारी रहेगा. यह निर्णय दिल्ली और आसपास के क्षेत्रों में बढ़ते प्रदूषण के स्तर को देखते हुए लिया गया है. सुप्रीम कोर्ट ने एयर क्वालिटी मैनेजमेंट कमेटी को निर्देश दिया है कि वह अगले दिन तक यह तय करें कि स्कूल खोले जा सकते हैं या शिक्षा ऑनलाइन जारी रखी जाएगी. इससे लाखों बच्चों पर प्रभाव पड़ेगा, जिन्हें मिड डे मील जैसी सुविधाएं नहीं मिल पा रही हैं.

अगली सुनवाई 28 नवंबर को 3.30 बजे होगी, जिसमें प्रदूषण के स्तर को देखते हुए शिक्षण संस्थानों के संचालन पर चर्चा की जाएगी. कोर्ट ने कमेटी से यह भी कहा कि वह 10वीं और 12वीं कक्षा के छात्रों के लिए स्कूल खोलने के विकल्प पर विचार करें.

सुप्रीम कोर्ट ने स्पष्ट किया है कि जब तक प्रदूषण का स्तर कम नहीं होता, तब तक ग्रैप-4 से नीचे आने पर विचार नहीं किया जाएगा. अदालत ने कहा कि ग्रैप-4 के कारण निर्माण कार्यों में रुकावट आई है, जिससे मजदूरों को आर्थिक कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है. 

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कोर्ट ने राज्यों से अपील की है कि वे लेबर सेस के तहत जुटाए गए पैसे से मजदूरों की मदद करें. 20 से 23 नवंबर के आंकड़ों के अनुसार, दिल्ली और एनसीआर में प्रदूषण का स्तर 300 से 419 के बीच रहा है, जो चिंता का विषय है.

कोर्ट ने यह भी कहा कि कई एंट्री पॉइंट पर पुलिस तैनात की गई थी, लेकिन उनके पास सही निर्देश नहीं थे. इससे यह स्पष्ट होता है कि ग्रैप-4 लागू होने के बावजूद नियमों का पालन नहीं किया जा रहा था. यह एक गंभीर चूक है, जिसे सुधारने की आवश्यकता है. 

दिल्ली और एनसीआर में प्रदूषण की समस्या गंभीर बनी हुई है. सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों का पालन करना आवश्यक है ताकि नागरिकों की स्वास्थ्य सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके. प्रदूषण के स्तर को कम करने के लिए सभी संबंधित पक्षों को मिलकर काम करना होगा.