Israel Hamas War: हमास और इजराइल युद्ध के बीच एक बड़ी खबर आ रही है. इजराइल में काम कर रहे गाजा पट्टी के हजारों फिलिस्तीनी कामगोरों को इजराइली सरकार ने वापस गाजा भेज दिया है. फिलिस्तीन प्राधिकारियों ने यह जानकारी दी है. हमास के हमले के बाद सभी बॉर्डर को सील कर दिया गया था. इस बीच कुछ लोगों को बॉर्डर को पैदल पार करते हुए देखा गया था. इसके बाद इजराइली प्रशासन ने इन कामगारों को हिरासत केंद्रों में रखा था.  


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जानवरों जैसा किया व्यवहार
इजराइल में काम कर रहे कामगारों ने हिरासत केंद्रों में इजराइली प्रशासन पर गंभीर इल्जाम लगाए हैं. हालांकि इजराइली सेना ने अभी इन इल्जामों पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है. एक कामगार वाइल अल-सजदा ने कहा, ‘‘हमने त्याग किया और उन्होंने वहां हमारे साथ जानवरों जैसा व्यवहार किया.’’ अल-सजदा गाजा के उन तकरीबन 18,000 फलस्तीनियों में शामिल हैं. जिन्हें इजराइल में मामूली काम से संबंधित नौकरियों पर रखा गया था.


इजराइली सरकार ने किया ये ऐलान
इजराइल में काम करने के परमिट की गाजा में काफी अहमियत थी. जहां बेरोजगारी दर 50 फीसदी के करीब पहुंच रही है. इजराइल ने हाल के सालों में परमिट देना शुरू किया था. इजराइल ने 2 नवंबर की देर रात ऐलान किया कि वह कामगारों को दिया जाने वाला परमिट रद्द कर रहा है और इन कामगारों को वापस गाजा पट्टी भेजा जाएगा. शुक्रवार यानी 3 नवंबर को घर लौटे कामगारों ने इजराइली जेलों में रखे जाने की बात कही.  कुछ लोगों के शरीर पर खरोंचें और दूसरे चोटें थी, जिसे उन्होंने इजराइली प्रशासन के दुर्व्यवहार का नतीजा बताया है. 


इस जंग में 12 हजार लोगों की मौत
हमास और इजराइल के बीच 7 अक्टूबर से जंग जारी है. इस युद्ध में अब तक 12 हजार से ज्यादा लोगों की मौत हो गई है. इजराइल गाजा पट्टी पर लगातार हमला कर रहा है. इस हमले में सिर्फ गाजा पट्टी में 10 हजार से ज्यादा लोगों की मौत हो गई है. वहीं इजराइल  में 1500 लोगों की मौत हुई है. इस युद्ध के बाद पुरी दुनिया दो हिस्सों में बंट चुकी है. पश्चिमी देशों का झुकाव इजराइल के तरह है, वहीं मुस्लिम मुल्कों के अलावा कुछ ऐसे भी मुल्क है, जो फिलिस्तीन का समर्थन कर रहे हैं. 


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