Israel Palestine Conflict: इसराइल और हमास के बीच पिछले 7 अक्टूबर से जंग जारी है. इस बीच दोनों में 5 दिनों के लिए सीजफायर हुआ. जिसके तहत हमास ने 100 इसराइली बंधकों को रिहा किया. वहीं जवाबी कार्रवाई में इसराइल ने भी 300 से ज्यादा फिलिस्तीनी कैदी छोड़े. सीजफायर खत्म होने के बाद इसराइल गाजा पट्टी पर फिर से हवाई और जमीनी हमले तेज कर दिए हैं. 


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मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, पिछले हफ्ते इसराइली सेना ने कमल अदवान हॉस्पिटल में हमला कर दिया था. अस्पताल के स्टाफ और मरीजों ने नाम न बताने के शर्त पर कहा कि इसराइली सैनिकों ने बुलडोजर से फिलिस्तीनियों के बॉडी को हटाए. कई डॉक्टरों पर गोली चलाई गई. 


कमल अदवान हॉस्पिटल के स्टाफ ने CNN को बताया, "व्हीचेयर पर एक पेसेंट था. इसराइली सेना के कुत्ते उसे नोंचते रहे. इसराइली सेना ने इस हॉस्पिटल में पूरे 8 दिन ऑपरेशन चलाया है. सेना का कहना है कि यह हॉस्पिटल हमास का कमांड कंट्रोल सेंटर है." हॉस्पिटल के बाल चिकित्सा सेवा चीफ होसाम अबू सफिया ने कहा, "इसराइली सैनिकों ने कब्रें खोदीं और बॉडी को बुलडोजर से घसीटा लाशों को बुलडोजर से कुचल दिया गया."


उन्होंने कहा, "इसराइली टैंकों ने शाजाये शहर के जबलिया के अल-फलूजा कब्रिस्तान, ट्यूनीशियाई कब्रिस्तान समेत 6 कब्रिस्तानों को तबाह कर दिया है." इसराइली सेना ने दावा किया है कि हमास के 80 लड़ाकों को गिरफ्तार है, लड़ाकों में ज्यादातर 7 अक्टूबर के हमलों में शामिल थे. 


इस बीच गाजा में मानवीय संकट को कम करने के लिए पर्याप्त मात्रा में मदद पहुंचाने वाला प्रस्ताव संयुक्त राष्ट्र संघ में पास हो गया है. रूस और अमेरिका ने इस प्रस्ताव पर वोट नहीं किया. अमेरिका ने कुछ दिन पहले संयुक्त राष्ट्र संघ में गाजा में सीजफायर के लिए पेश किए गए प्रस्ताव के खिलाफ वीटो का इस्तेमाल किया था. जिसके बाद युद्धविराम आगे नहीं बढ़ पाया था. 


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