Gaza truce: फिलिस्तीन की सड़कों पर जश्न; कहा हमें हमास पर फख्र है.
फिलिस्तीनी कैदियों की रिहाई के बाद फिलिस्तीन की सड़कों पर उनका जोरदार स्वागत हुआ, फिलिस्तीनी पत्रकार उमर नज्जल ने कहा कि `सड़कों पर शहीदों के दर्द और आजादी का जशन एक साथ मनाया जा रहा है`.
Gaza War Update: हमास और इजराइल के बीच हुए समझोते के बाद इजराइल की जेलों में बंद फिलिस्तीनियों का पहले बैच को रिहा कर दिया गया है. पहले बैच में 39 फिलिस्तीनी शामिल हैं, जिसमें महिलाएं और नाबालिग बच्चें हैं. इसके बदले में हमास ने 13 बंधकों को रिहा किया है. 47 दिनों की लड़ाई के बाद शुक्रवार शाम से गाज़ा जंग में बंदियों की रिहाई के लिए 4 दिन का संघर्ष विराम लागु हुआ है, कैदियों की अदला-बदली अगले 3 दिन और जारी रहेगी.
फिलिस्तीन की सड़कों पर जशन
इजराइल की 'ओफ़र' जेल से रिहा फ़िलिस्तीनी महिला कैदी और नाबालिग कैदी वेस्ट बैंक के बेइतुनिया शहर में पहुंचे थे. रिहा हुए लोगों के स्वागत के लिए हजारों फिलिस्तीनी नागरिक सड़कों पर आए. जेल से रिहा हुए कैदियों और उनके स्वागत में फिलिस्तीनियों ने हमास के समर्थन में नारे लगाए और फिलिस्तीनी झंडे लहराए. गाज़ा में भी कैदियों की रिहाई के बाद जश्न देखने मिला है, वेस्टबैंक के शहर जेनिन की मस्जिदों में कैदियों की रिहाई के जश्न में तकबीर की गूंज सुनाई दी.
"गाजा के लोगों के खून से मिली रिहाई"
आज़ाद होने के बाद अपने पहले बयान में आज़ाद फिलिस्तीनी कैदी मारा बकिर ने कहा, "गाजा पट्टी में शहीदों के खून के बदले और वहां मरे लोगों के बढ़े बलिदान के बदले में आज़ादी की भावना बहुत कठिन है." वहीं सोशल मीडिया पर लोगों ने रिहा हुए कैदियों के घर आने की तस्वीरें शेयर की है. जेल से रिहा होने के बाद सारा अब्दुल्ला ने गाजा में हमास को शुक्रिया करते हुए कहा, "मुझे हमास पर गर्व है, और मैं गाजा से बहुत प्यार करती हूं, और मुझे मोहम्मद अल-देइफ और याहा सिनवार पर फख्र है, सिर्फ एक वहीं है जो हमारे साथ हमेशा खड़े रहे हैं."
फिलिस्तीनी अख़बार सिंडिकेट के प्रमुख उमर नज्जल ने कहा कि गाजा में "सड़को पर शहीदों के दर्द के साथ आजादी का जशन एक साथ मनाया जा रहा है".