Turkey News: तुर्की सेना ने एक ऑपरेशन को अंजाम दिया है.  सेना ने इस ऑपरेशन में उत्तरी सीरिया में सीरियाई कुर्द पीपुल्स प्रोटेक्शन यूनिट्स (वाईपीजी) के 11 मेंबरों को मार गिराया है. तुर्की सेना ने ये कार्रवाई  सैनिकों पर हमले की साजिश रचते समय की. 


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

समाचार एजेंसी सिन्हुआ की रिपोर्ट के मुताबिक,  मंत्रालय ने बताया कि उत्तरी सीरिया में 'ऑपरेशन ओलिव ब्रांच' और 'ऑपरेशन यूफ्रेट्स शील्ड' जोन में तुर्की सैनिकों पर हमले की साजिश रचते वक्त वाईपीजी मेंबरों को निशाना बनाया गया था. उन्होंने कहा, "हम आतंकवादी हमलों का जवाब देना जारी रखेंगे." 
 
तुर्की सेना का यह है हदफ
बता दें कि तुर्की के अफसर अक्सर अपने बयानों में "निष्प्रभावी" शब्द का उपयोग करते हैं, जिससे यह साफ हो सके कि "आतंकवादियों" ने या तो आत्मसमर्पण कर दिया है या वह मारे गए. वहीं,  तुर्की सेना ने पड़ोसी देश के साथ बॉर्डर पर वाईपीजी मुक्त इलाका बनाने के लिए साल 2016 में ऑपरेशन 'यूफ्रेट्स शील्ड', 2018 में ऑपरेशन 'ओलिव ब्रांच', 2019 में ऑपरेशन 'पीस स्प्रिंग' और 2020 में उत्तरी सीरिया में 'ऑपरेशन स्प्रिंग शील्ड' लॉन्च किया था, जिसके तहत वे लगातार ऑपरेशन को अंजाम दो रहे हैं. 


क्या है वाईपीजी?
गौरतलब है कि तुर्की वाईपीजी ग्रुप को प्रतिबंधित कुर्दिस्तान वर्कर्स पार्टी (PKK) की सीरियाई ब्रांच के रूप में देखता है. तुर्की, अमेरिका और यूरोपीय संघ ने पीकेके को आतंकवादी संगठन के रूप में सूचीबद्ध किया है. कुर्दिस्तान वर्कर्स पार्टी  पिछले तीन दशकों से भी ज्यादा वक्त से तुर्की सरकार के खिलाफ विद्रोह किया है.


पीकेके की क्या है मांग 
कुर्दिश वर्कर्स पार्टी एक आतंकवादी ऑर्गनाईजेशन है. पीकेके के नेताओं से तुर्की ने साल  2013 व 2015 में शातिं के लिए कई बार बातचीत की. लेकिन दोनों के बीच इस बातचीत से कई रिजल्ट नहीं निकला. बता दें कि पीकेके का मांग एक स्‍वतंत्र कुर्दिस्‍तान की है, जो पिछले कई दशकों से है.