Maldives Election: मालदीव में राष्ट्रपति चुनाव के लिए शनिवार को मतदान शुरू हो चुका है. इस चुनाव को भारत और चीन के लिए अहम माना जा रहा है. राष्ट्रपति इब्राहिम मोहम्मद सोलिह को भारत समर्थक माना जाता है. वह दूसरे कार्यकाल के लिए चुनाव लड़ रहे हैं. उनके मुख्य विपक्षी उम्मीदवार मोहम्मद मुइज़ ने इल्जाम लगाया है कि सोलिह ने मुल्क में भारत की अनियंत्रित मौजूदगी को मंजूरी दी है. 


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मुइज़ ने वादा किया है कि अगर वह चुनाव जीतते हैं, तो मालदीव में मौजूद भारतीय सैनिकों को वापस भेजेंगे और कारोबारी संबंधों को संतुलित करेंगे. उनका मानना है कि ये संबंध भारत के पक्ष वाले हैं. मुइज़ की पार्टी ‘पीपुल्स नेशनल कांग्रेस’ को चीन समर्थक माना जाता है. पार्टी नेता एवं पूर्व राष्ट्रपति अब्दुल्ला यामीन ने 2013 से 2018 तक अपने कार्यकाल के दौरान मालदीव को चीन की ‘वन बेल्ट वन रोड’ परियोजना का हिस्सा बनाया था.


मुइज़ की पार्टी के एक वरिष्ठ पदाधिकारी मोहम्मद शरीफ़ ने ‘एसोसिएटेड प्रेस’ को बताया कि भारतीय सैनिकों को हटाना पार्टी की प्राथमिकता है. शरीफ़ ने कहा कि भारतीय सैनिकों की संख्या और उनकी गतिविधियों के बारे में मालदीव के लोगों को जानकारी नहीं है. उन्होंने कहा कि ये सेना मुल्क के कुछ हिस्सों और हवाईअड्डों का इस्तेमाल करते हैं. 


राष्ट्रपति चुनाव में 2,82,000 से ज्यादा शख्स अपने मताधिकारों का इस्तेमाल कर सकते हैं. किसी भी उम्मीदवार को जीतने के लिए 50 फीसदी से एक वोट ज्यादा मिलने की दरकार होगी. 


पिछले साल सितंबर में कोरोना महामारी के वजह से मुल्क के अर्थव्यवस्था पर प्रभाव पड़ा था. इस आर्थिक संकट से निपटने के लिए मालदीव के राष्ट्रपति इब्राहिम मोहम्मद सोलिह ने पीएम मोदी से मदद मांगी थी, जिसके बाद भारत ने मालदीव को 25 करोड़ की वित्तीय सहायता दी थी. सहायता मिलने के बाद मालदीव के राष्ट्रपित ने भारत का शुक्रिया अदा किया था. उन्होंने ट्विटर पर लिखा था, "जब भी मालदीव को एक दोस्त की मदद की ज़रूरत होती है, भारत ऐसे मौकों पर सामने आता है. पीएम मोदी, और भारत के लोगों का तहे दिल से शुक्रिया, उन्होंने आज 25 करोड़ डॉलर की मदद कर पड़ोसी होने की भावना और उदारता दिखाई है."


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