Premature babies born in Gaza: इजराइल के हमलों की वजह से गाजा में हर जगह तबाही मची हुई है. अपने घरों को छोड़ कर शेल्टरों में रह रहें फिलिस्तीनियों के उपर हर वक्त जान का खतरा बना हुआ है. पानी, खाना, बिजली और जीने के लिए मूल-भूत सुविधाएं भी गाजा के लोगों को मिलना मुश्किल है. जंग की मार झेल रहे गाजा के लोगों में सबसे बुरा असर प्रेग्नेंट महिलाओं पर पड़ा है. गाजा में मौजूद ऑक्सफैम के सहयोगी जुज़ूर ने बताया है कि इस महीने में गाजा में पैदा होने वाले प्रिमेच्यूर बच्चों की तदाद 25-30% बढ़ी है. 


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जंग के बीच स्ट्रेस बन रहा वजह 
जंग के माहौल में गर्भवती महिलाओं को सहीं इलाज और पूरी नींद ना मिल पाना से उनकी मेंटल हेल्थ पर बुरा असर पड़ रहा है. ऑक्सफैम के मुताबिक बम-बारी के शौर और अफरा-तफरी के माहौल से होने वाले स्ट्रेस की वजह से गाजा की माएं बच्चों को समय से पहले जन्म दे रही हैं. बता दे कि समय से पहले पैदा होने वाले बच्चों को जिंदा रखने के लिए खास इलाज की जरूरत होती है. लेकिन इजराइल ने जब से गाजा की ऐड सप्लाई पर रोक लगाई है तब से गाजा के अस्पताल मूल-भूत सुविधाओं की कमी से गुजर रहे हैं. 


गाजा अस्पातालों से मिस्र भेजे गए थे बच्चें 
इस हफ्ते दर्जन भर प्रीमेच्योर बच्चों को इलाज के लिए गाजा से मिस्र ले जाया गया था. वर्ल्ड हैल्थ ऑर्गेनाइजेशन की रिपोर्ट के मुताबिक जंग से पहले भी गाजा में नवजात बच्चों की मौतों का आकड़ा सामन्य से ज्यादा था.  


बिना मेडिकल सपोर्ट के ही दे रही बच्चों को जन्म 
ऑक्सफैम की मिडिल ईस्ट डायरेक्टर सैली अबी खलील ने कहा कि कुछ विस्थापित मांओं को बुनियादी जरूरतों और मेडिकल सपोर्ट के बिना भीड़-भाड़ वाली क्लासों में बच्चे को जन्म देना पड़ा है. उन्होंने इस बारे में बताते हुए आगे कहा "गाजा के महिलाएं बहुत बुरे दौर से गुजर रही हैं, मुझे नहीं लगता कि दुनिया में कहीं भी कोई ऐसा व्यक्ति है जो इससे असहमत होगा".