Hijab Ban: मुस्लिम बहुल देश कजाकिस्तान चरमपंथ से निपटने के लिए अपनी कोशिशों के तहत पब्लिक प्लेस पर इस्लामी हेडस्कार्फ़ पहनने पर संभावित पाबंदी पर विचार कर रहा है. संस्कृति और सूचना मंत्री ऐडा बालायेवा ने शुक्रवार को अस्ताना में एक प्रेस कांफ्रेंस के दौरान इशारा दिया कि अफसर मौजूदा कानूनों का रिव्यू कर रहे हैं. 


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समाचार एजेंसी काजीइंफो के मुताबिक जब बालायेवा से पूछा गया कि क्या सरकार इस्लामिक हेडस्कार्फ़ और दूसरी मजहबी पोशाक पहनने पर रोक लगाने के बारे में सोच रही है? तो उन्होंने जवाब दिया कि "यकीनन हम पब्लिक प्लेस की जांच करेंगे और इस तरह का प्रस्ताव देंगे. ऐसे नियम दुनिया भर में लागू किए जाते हैं क्योंकि ये राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़ा होता है. पब्लिक प्लेस पर लोगों के चेहरे ढके होने पर उनकी पहचान करना बहुत मुश्किल हो जाता है."


NGO करेंगे मदद


उन्होंने आगे कहा, "मंत्रालय इस बारे में कानून को मजबूत करने में शामिल होगा," इन उपायों को गैर-सरकारी संगठनों (NGO) और मजहबी स्कॉलर सहित जानकारों की मदद से आगे बढ़ाया जाएगा." कजाकिस्तान के राष्ट्रपति कासिम-जोमार्ट टोकायेव ने गुरुवार को टीचर्स के एक ग्रुप से खिताब करते हुए देश के संविधान में दर्ज धर्मनिरपेक्षता की अहमियत पर जोर दिया. उन्होंने जोर देकर कहा, "इस उसूल को तालीम सहित सभी महकमों में सख्ती से बरकरार रखा जाना चाहिए."


इन देशों ने लगाई पाबंदी


साल 2021 की जनगणना के मुताबिक, कजाकिस्तान की लगभग 65 फीसद आबादी मुस्लिम है, जबकि 20 फीसद की पहचान ईसाई के तौर पर है. ख्याल रहे कि हाल के सालों में ब्रिटेन, फ्रांस और जर्मनी सहित कई देशों में मजहबी कपड़े पहनने को लेकर बहस सामने आई है. पिछले महीने, फ्रांस की सुप्रीम कोर्ट ने स्कूलों में औरतों के अबाया पहनने पर पाबंदी बरकरार रखी थी. हिजाब को लेकर भारत में भी खूब हंगामा हो चुका है.


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